गुवाहाटीः असम मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) ने एक शहरी अस्पताल के डॉक्टर को इलाज में लापरवाही बरतने का दोषी पाते हुए उसे मरीज के पति को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। डॉक्टर की लापरवाही के चलते उस महिला की मौत हो गई। एएचआरसी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति टी वैफेई समेत इसकी पूर्ण पीठ ने बुधवार को 2017 के एक मामले में अंबरी अर्बन हेल्थ सेंटर के डॉक्टर घनशय़ाम ठाकुरिया को इलाज में लापरवाही का दोषी पाया। डॉक्टर की लापरवाही के चलते पिंकी दास की मौत हो गई।
आयोग ने कहा कि डॉक्टर ठाकुरिया दो महीने के अंदर मरीज के पति को रकम दें। एएचआरसी की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘आरोपी अधिकारी के नियोक्ता के तौर पर राज्य सरकार डॉक्टर की ओर से यह रकम दे और फिर इस रकम को उसके वेतन से किस्तों में या अन्य तरीके से काट ले।’ एएचआरसी ने मरीज के पति की ओर से अक्टूबर 2017 में दायर शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। पिंकी दास को पीठ दर्द की शिकायत और हल्का बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द और जलन की समस्या थी, जिसके इलाज के लिये वह डॉक्टर के पास गई थी।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘जांच के वक्त उसकी रक्तचाप, नाड़ी की स्थिति सामान्य थी लेकिन पेट के निचले हिस्से और गुर्दे के दोनों ओर दर्द की वजह से महिला की मूत्र नली में संक्रमण का पता चला।’ इसके अनुसार, ‘आरोपी डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाने और ड्रिप चढ़ाने की सलाह दी, जिसके बाद मरीज को जटिलताएं होने लगीं। उसे यहां के अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज से पहले उसने दम तोड़ दिया।’ आयोग ने राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक से जांच रिपोर्ट देने को कहा जिसमें यह कहा गया कि डॉ. ठकुरिया की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई।
लेकिन आयोग ने हैरानी जतायी कि आखिर जांच के बाद सिर्फ पीठ दर्द की शिकायत को लेकर महिला को भर्ती क्यों किया गया और दी गयी दवा के बाद उसकी मौत कैसे हुई। इस बारे में आयोग ने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के किसी विशेषज्ञ से स्वतंत्र विचार मांगा जिसमें डॉक्टर की कोई लापरवाही नहीं मिली। एएचआरसी ने कहा कि लेकिन आरोपी डॉक्टर के समुचित जवाब-तलब नहीं लिये जाने के कारण आयोग ने डॉ. ठकुरिया को इलाज में लापरवाही का दोषी करार दिया, जिसकी वजह से पिंकी दास की मौत हुई।