अमरनाथ यात्रा पर पड़ा अलगाववादियों के बंद का असर, रोकी गई अमरनाथ यात्रा, सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्‍त

शनिवार को अलगाववादियों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने श्रीनगर बंद की कॉल की है। यह बंद वर्ष 1931 में 13 जुलाई को श्रीनगर के डाउन टाउन इलाके में मारे गए करीब 22 लोगों के विरोध में किया गया है। 

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जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के बंद का असर अमरनाथ यात्रा पर देखने को मिल रहा है। अलगाववादियों के बंद के कारण एक दिन के लिए अमरनाथ यात्रा रोक दी गई। c

 

कश्मीर के लोग इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं जबकि जम्मू के लोग इसका विरोध करते हैं क्योंकि यह मामला तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ विद्रोह से जुड़ा है। अलगाववादी संगठनों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे शनिवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखें और इस बंद की कॉल को सफल बनाएं।

अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शनिवार को जम्मू-कश्मीर से यात्रियों का जत्था रोक दिया गया है। अलगाववादियों के बंद के आवाहन को देखते हुए सुरक्षा बल अलर्ट पर है। घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

बता दें कि, इससे पहले, 8 जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की बरसी पर भी अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन के कारण अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के जत्थे को रवाना होने से रोक दिया गया था।

उल्‍लेखनीय है कि पहली जुलाई से शुरू हुई बाबा अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) ने इस बार पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल यात्रा के 12वें दिन डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं। पिछले वर्ष यह आंकड़ा यात्रा शुरू होने के बाद 16वें दिन पार किया था। श्रद्धालु गुफा में विराजमान हिमलिंग को भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक मानते हैं।

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