कोरोना वायरस: न पानी और न ही खान, PPE सूट पहनने के बाद 6-8 घंटे लगातार काम करते हैं डॉक्टर

'PPE पहने और उतारने के समय आप अपने चेहरे को छू नहीं सकते. ऐसे में आप भी संक्रमित हो सकते हैं.'... पढ़िए कोरोना (Coronavirus) का इलाज करने वाले डॉक्टरों को किस तरह की हो रही है परेशानी

0 999,484

मुंबई. देश भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के आक्रमण से कोहराम मचा है. वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. ऐसे में हम और आप इस खतरनाक वायरस के डर से अपने घरों में बैठे हैं. लेकिन कोरोना को मात देने देने के लिए हमारे डॉक्टर दिन-रात मोर्चे पर डटे हैं. उन्हें अपने परिवार से ज्यादा चिंता हमारी और आपकी है. ऐसे में इस संकट की घड़ी में वे बिना खाए पिए घंटों तक हॉस्पिटल में काम करते हैं. पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) पहन कर काम करना आसान नहीं होता है. इन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

गर्मी में लगातार काम करते हैं
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए मुंबई के ऐसे ही डॉक्टरों और नर्सों ने अपनी परेशानियों को साझा किया. डॉक्टरों के मुताबिक एक बार PPE सूट पहनने के बाद वे कुछ भी नहीं कर सकते हैं. PPE में कपड़ों की कई लेयर होती है. इसे पहन कर उन्हें ऐसे वॉर्ड में जाना पड़ता है जहां कोरोना के मरीज भरे होते हैं. साथ ही यहां कोई AC नहीं चलता है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मुंबई की गर्मी में इन दिनों काम करना कितना मुश्किल है. मेडिकल स्टाफ पसीने में लथपथ रहते हैं. लेकिन PPE पहनने के चलते वो पसीना भी नहीं पोछ पाते हैं.

भूखे-प्यासे होता है काम

PPE पहन कर 6-8 घंटे तक लगातार काम करना मुश्किल चुनौती होती है. सरकारी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने कहा, ‘PPE पहने और उतारने के समय आप अपने चेहरे को छू नहीं सकते. ऐसे में आप भी संक्रमित हो सकते हैं. PPE सूट काफी कीमती होते हैं. ऐसे में आप बार-बार इसे बदल नहीं सकते हैं. हमलोग शिफ्ट शुरू होने से पहले खाना खा लेते हैं. पानी पी लेते हैं और ट्वाइलेट भी चले जाते हैं जिससे कि हमें दोबारा PPE चेंज करने की नौबत न आए.’

‘डर तो हमें भी लगता है’
कई बड़े सरकारी हॉस्पिटल में चेंजिंग रूम भी नहीं हैं. इसके अलावा वॉर्ड व्यॉय को PPE नहीं नहीं दिए जाते हैं. ऐसे में डॉक्टरों को ही सारा काम खुद से करना पड़ता है. एक और डॉक्टर ने कहा, ‘हम भी आम इंसान की तरह हैं. हमें भी डर लगता है. हमारे लिए कोई अलग से रहने के इंतजाम नहीं है. जो कोरोना वॉर्ड में काम करते हैं वो भी और दूसरे मरीजों को देखने वाले दोनों एक ही हॉस्टल में रहते हैं. शिफ्ट खत्म होने के बाद हमलोग तुरंत नहा कर कपड़े चेज़ करते हैं.’ इसके अलावा डॉक्टरों को खाने की भी दिक्कत होती है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.