लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र जो कुछ पहले से कर रहा है, उसमें दखल नहीं देना चाहते
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामलों की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अदालत राज्य सरकारों को आदेश दें कि इन लोगों को शेल्टर होम में रखकर सुविधाएं दी जाएं.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन (Lockdown) है. हालांकि, इन सबके बीच भारत में एक नए तरह का संकट पैदा कर दिया है. यह संकट राजधानी सहित देश के दूसरे इलाकों से प्रवासी कामगारों के सामूहिक पलायन से पैदा हुआ है. ऐसे में देशभर में प्रवासी मजदूरों के पलायन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में सरकार ने कोर्ट में बताया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जल्द ही इसकी स्टेटस रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी, इस मामले पर अब अगली सुनवाई बुधवार को होगी.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत के संघ और सभी राज्य सरकार स्थिति को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस संबंध में जल्द ही एक हलफनामा दायर करना चाहते हैं. इसपर कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए सरकार पहले से ही कई काम कर रही है. ऐसे में अदालत इसमें दखल नहीं देना चाहती. स्टेटस रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जाना चाहिए.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक श्रीवास्तव से कहा, ‘हम सब कुछ से निपट लेंगे, लेकिन केंद्र जो कर रहा है उससे नहीं. हम इसमें बेवजह दखल नहीं देना चाहते हैं.’ CJI ने कहा कि पहले हम सरकार की ओर से उस हलफनामे को देखना चाहते हैं, जिसे दाखिल करना है, फिर हम इस पर बुधवार को सुनवाई कर सकते हैं.
किसने दाखिल की है याचिका?
कोरोना वायरस के प्रसार रोकने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी बंद के कारण बेरोजगार और बेघर हुए लोग अब अपने गृह नगर और गांव जाने के लिए निकल पड़े हैं. ऐसे में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं. उनके पास न तो रहने की सुविधा है और न ही घर पहुंचने का जरिया, इन लोगों को भयंकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अदालत राज्य सरकारों को आदेश दें कि इन लोगों को शेल्टर होम में रखकर सुविधाएं दी जाएं.
देश में अब तक 1071 मरीज
बता दें कि देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बढ़कर 1073 हो गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है. राहत वाली बात यह है कि 96 मरीज इस बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं.
पीएम मोदी ने लॉकडाउन से हो रही असुविधा के लिए जताया था खेद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से देश की जनता को रही परेशानियों के लिए क्षमा मांगते हुए कहा कि यह फैसला जरूरी था. ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा कि यह लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है. आपको खुद को और अपने परिवार को बचाना है. आपको लक्ष्मण रेखा का पालन करना ही है. कोई कानून, कोई नियम नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग अभी भी ऐसा कर रहे हैं. वे हालात की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं.