चीन के तट पर जेल बन गया समुद्री जहाज़, UP के गौरव सिंह समेत 39 भारतीयों की हालत दयनीय

ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेकर चीन पहुंचे मालवाहक जहाज एमवी अनास्तासिया (MV Anastasia) का क्रू पिछले 6 महीनों से फंसा हुआ है. China और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में तनाव के चलते दर्जन भर से ज्यादा भारतीयों के लिए जीना मुश्किल हो गया है. विदेश मंत्रालय ने China की सरकार से मामले के जल्द समाधान का आग्रह भी किया है. China ने औपचारिक रूप से 12 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया से कोयले के आयात पर बैन लगा दिया है.

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3 अगस्त 2020 को नेविगेशन अफसर गौरव सिंह समुद्री जहाज़ MV अनास्तासिया से चीन के कैफीडियन बंदरगाह पर ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेकर पहुंचे, लेकिन चीन ने उनके जहाज़ से कोयला उतारने की इजाज़त नहीं दी. 6 महीने होने को हैं, गौरव और उनके शिप पर 15 अन्य भारतीयों के लिए MV अनास्तासिया जेल बन चुका है. गौरव की शादी अक्टूबर में होने वाली थी, लेकिन गौरव घर नहीं लौट पाए. MV अनास्तासिया के साथ एक और समुद्री जहाज़ MV जग आनंद में 23 भारतीय फंसे हुए हैं.

गौरव ने  कहा कि शिप में फंसे भारतीय बहुत परेशान हैं, और वो घर लौटना चाहते हैं. गौरव ने कहा कि क्रू के सदस्यों का कोई दोष नहीं, लेकिन उन्हें सज़ा मिल रही है. ज़्यादातर क्रू के सदस्य 50 से 60 के बीच में है, लेकिन उन्हें मेडिकल सहायता नहीं मिल पा रही. कुछ नाविकों के जिस्म पर दूषित पानी के चलते इन्फेक्शन हो रहा हैं, और एक क्रू के सदस्य ने आत्महत्या की भी कोशिश की. गौरव ने न्यूज़18 को बताया कि कुल 74 शिप चीन के तट पर फंसे हुए हैं और फंसे भारतीयों की संख्या कई सौ हो सकती है.

चीन की दादागिरी के चलते 74 समुद्री जहाज़ चीन के बंदरगाह पर फंसे हुए हैं. न उन्हें शिप से माल उतारने की इजाज़त है, न ही बंदरगाह छोड़ने की इजाज़त है. चीन कोविड के बहाने क्रू की अदला-बदली की इजाज़त भी नहीं दे रहा. आपको बता दें कि चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव चल रहा है और चीन ने औपचारिक रूप से 12 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया से कोयले के आयात पर बैन लगा दिया है. हालांकि ऑस्ट्रेलिया का कोयला लेकर पहुंचे समुद्री जहाजों को कई महीनों से चीन में कोयला उतारने की इजाज़त नहीं मिल रही.

इस पूरे मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने चीन की सरकार से मामले के जल्द समाधान का आग्रह भी किया है. MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने हाल ही में बयान दिया था कि हालांकि चीन क्रू की अदला-बदली की कोविड के चलते इजाज़त नहीं दे रहा, लेकिन अन्य जहाजों के क्रू के साथ ऐसा बर्ताव नहीं हो रहा.

फिलहाल बीजिंग में भारतीय दूतावास 39 भारतीयों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, जिसमें किसी अन्य बंदरगाह पर क्रू बदलने की संभावना शामिल है. आपको बता दें कि चीन के बंदरगाह पर भारतीय उस वक़्त फंसे हैं, जब दोनों देशों के बीच LAC पर भी तनाव चल रहा है.

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