नई दिल्ली. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण, न्यू इंडिया का विजन था. उन्होंने विपक्ष द्वारा उटाए जा रहे तमाम मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा और कांग्रेस पर निशाना साधा. प्रधानमंत्री के भाषण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने टिप्पणी की. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री, रोजगार के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल पाए.
लोकसभा में पीएम के हमले पर @RahulGandhi का जवाब,"देश की सबसे बड़ी समस्या रोज़गार की है।पीएम से रोज़गार के बारे में पूछा,कहा 2 मिनट इसपर बोल दीजिए लेकिन डेढ़ घंटे भाषण देने वाले पीएम जवाब नहीं दे पाए"। pic.twitter.com/HgJAr0yy59
— Arun Kumar Singh (@arunsingh4775) February 6, 2020
राहुल ने कहा, ‘आज का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और नौकरियां हैं, हमने कई बार पीएम से पूछा, लेकिन उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा. इससे पहले, वित्त मंत्री ने एक लंबा भाषण दिया लेकिन उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा.’वायनाड सांसद ने दावा किया कि ‘पीएम मोदी की शैली देश को मूल मुद्दों से भटकाने की है. वह कांग्रेस की बात करते हैं, जवाहरलाल नेहरू की, पाकिस्तान की, आदि की लेकिन मूल मुद्दों की बात नहीं करते.’
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी की शैली देश को मूल मुद्दों से भटकाने वाली है. वह कांग्रेस की बात करते हैं, जवाहरलाल नेहरू की बात करते हैं, पाकिस्तान की बात करते हैं लेकिन मूल मुद्दों की बात नहीं करते. उन्होंने कहा, ”देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा रोज़गार का है. इस देश का हर युवा चाहता है कि पढ़ाई के बाद उसे रोज़गार मिले. हमने पीएम से कई बार पूछा लेकिन उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा. आप देश के युवाओं को बता दीजिए कि आप उनके लिए क्या कर रहे हैं.”
पहले की सरकार ने आधे अधूरे मन से काम किया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने पहले की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जो कुछ भी काम किए गए उसे राजनीति के तराजू पर तौलकर और आधे अधूरे मन से किया गया. जबकि हमारी सरकार ने समस्याओं का हल निकालने के लिए दीर्घकालिक नीति के तहत किया. इससे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी और महंगाई स्थिर रही.
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है. कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है. चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है.’’