सीमा पर तनाव: चीन से बातचीत का फिलहाल नहीं निकला कोई नतीजा, अब लद्दाख में युद्ध जैसे हालात
India-China Standoff: सीमा पर चीन कई इलाकों को लेकर अपनी जिद पर अड़ा है. उनके झूठे दावों को भारत लगातार खारिज कर रहा है. ऐसे में अब तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है.
सीमा पर भारती सेना की तैयारी
चडीगढ़ के एयरबेस पर भारतीय वायु सेना का सी -17 ग्लोबमास्टर लद्दाख ले जाने के लिए कार्गो उठा रहा है. इस पर T-90 टैंक को लोड किया जा रहा है. इसका वजन करीब 46 टन है. इसे एयरलिफ्ट करने में एक तरफ से करीब 10 लाख रुपये का खर्च आता है. उत्तर भारत में सेना की छावनी और एयरबेस पर पिछले एक महीने से लगभग हर जगह ऐसा ही नजारा दिख रहा है. लद्दाख की सीमा पर आर्टिलरी गन, हवाई निगरानी रडार, फ्रंटलाइन फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भेजे जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि लद्दाख की सीमा पर करीब 45 हजार सैनिक तैयार किए जा रहे हैं.
हर मोर्चे पर तैनाती
चीन की तैयारी
उधर चीन की सेना भी LAC पर अपनी ताकत बढ़ा रही है. कहा जा रहा है कि चीन ने भी सैनिक, टैंक,मिसाइल और लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिए हैं. इसके अलावा चीन भारत की सीमा में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैनसौंग सो में फिंगर 4 के पास हेलिपैड भी तैयार कर लिया है.
सेना है तैयार
न्यूज 18 को रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि सेना को लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. कहा जा रहा है कि गलवान घाटी में हिंसा के बाद हालात बदल गए हैं. बता दें कि सीमा पर चीन कई इलाकों को लेकर अपनी जिद पर अड़ा है. उनके झूठे दावों को भारत लगातार खारिज कर रहा है. ऐसे में अब तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है. हालांकि दोनों देश अब भी बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है. चीन के साथ बीजिंग और लद्दाख में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. बातचीत का एकमात्र शर्त यह है कि चीन पहले की स्थिति बरकार रखे.
भारत की चीन को चेतावनी / भारत के राजदूत ने कहा- चीन ने सीमा पर फौज बढ़ाने की कोशिश की तो संबंध बिगड़ सकते हैं, चाइनीज आर्मी लद्दाख में गतिविधियां बंद करे
- चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने गलवान वैली पर चीन के दावे को खारिज किया
- कहा- झूठी बातों से चीन को फायदा नहीं होगा, तनाव कम करने की जिम्मेदारी उसी की है
भारत ने चीन को चेतावनी दी है कि बॉर्डर पर फौज बढ़ाने की कोशिश की तो न सिर्फ शांति प्रक्रिया पर असर पड़ेगा बल्कि दोनों देशों के संबंधों (बाइलेटरल रिलेशनशिप) को भी नुकसान हो सकता है। चीन से कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियां बंद करे। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में शुक्रवार को ऐसा कहा।
‘चीन खुद तय करे कि संबंध कैसे रखने हैं’
मिसरी ने कहा कि बॉर्डर पर चीन के सैनिकों की हरकतों से दोनों देशों के संबंधों को लेकर भरोसा कम हुआ है। यह पूरी तरह चीन की जिम्मेदारी है कि वह रिश्तों को लेकर सावधान रहे और तय करे कि आगे क्या करना है? चीन को भारतीय सैनिकों की नॉर्मल पैट्रोलिंग में रोक-टोक नहीं करनी चाहिए।
‘चीन उस सेक्टर में भी सक्रिय, जहां कभी विवाद नहीं था’
मिसरी ने लद्दाख में गलवान वैली पर चीन के दावे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की झूठी बातों से चीन को कोई फायदा नहीं होगा। बॉर्डर पर हमारी तरफ से जो भी एक्टिविटीज होती हैं वे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हमारे इलाके में ही होती हैं। चीन को गैर-जरूरी एक्टिविटीज रोकने की जरूरत है। यह चौंकाने वाली बात है कि उन्होंने उस सेक्टर में भी हरकतें कीं जो कभी विवादों में नहीं था।
‘बॉर्डर पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार’
चीन के गलवान वैली पर दावे के जवाब में भारतीय राजदूत ने यह रिएक्शन दिया है। भारत में चीन के राजदूत सुन वेडॉन्ग ने गुरुवार को कहा था कि बॉर्डर पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी भारत की है। इस पर मिसरी ने कहा, हमारी तरफ से यह साफ है कि अभी जो स्थिति बनी है उसके लिए चीन जिम्मेदार है। अप्रैल और मई में लद्दाख में एलएसी पर चीन की एक्टिविटीज बढ़ गई थीं, इससे हमारे जवानों को नॉर्मल पैट्रोलिंग में भी दिक्कतें हुईं और तनाव की स्थिति बनी।