LIVE दिल्ली चुनाव / रुझानों में केजरीवाल की पार्टी को बहुमत; आप 51, भाजपा 18 और कांग्रेस 1 सीट पर आगे

आप को 10 से ज्यादा सीटों का नुकसान होने का अनुमान, ये सीटें भाजपा के खाते में जाती दिख रहीं आप छोड़कर कांग्रेस में आईं अलका लांबा चांदनी चौक सीट से आप के प्रह्लाद सिंह से पीछे आप से निकाले जाने के बाद भाजपा में आए कपिल मिश्रा मॉडल टाउन सीट से पीछे

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नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में आम आदमी पार्टी (आप) स्पष्ट बहुमत हासिल करती नजर आ रही है। हालांकि, उसे 10 से ज्यादा सीटों का नुकसान हो रहा है। आप के हिस्से की ये सीटें भाजपा के खाते में जा रही हैं। कांग्रेस की स्थिति ज्यादा नहीं बदली। पिछली बार उसे कोई सीट नहीं मिली थी। इस बार वह 1 सीट पर आगे हैं। 70 विधानसभा सीटों के लिए 8 फरवरी को 62.59% वोट डाले गए थे। दिल्ली में अभी आप की सरकार है। भाजपा 22 साल और कांग्रेस 7 साल से सत्ता से दूर है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejiwal)  अपनी नई दिल्ली (New Delhi) सीट से जीत की ओर बढ़ रहे हैं. साल 2015 के विधानसभा चुनावों में केजरीवाल को इसी सीट से 57213 वोट मिले थे. उनके सामने बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहीं नुपूर शर्मा को 25630 वोट से ही संतोष करना पड़ा था. उन्होंने यहीं से 2013 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और 15 साल तक सीएम रहीं शीला दीक्षित को हराया था. तब केजरीवाल के 44269 मत के मुकाबले दीक्षित को महज 18405 वोट ही हासिल हो सके थे.

पटपड़गंज विधानसभा सीट (Patparganj Assembly Seat) से आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) आगे चल रहे हैं. यहां उनके मुख्य प्रतिद्वंदी हैं बीजेपी (BJP) के रवि नेगी. जबकि कांग्रेस की ओर से लक्ष्मण रावत खड़े हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों के उम्मीदवार मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. कोशिश ये है कि क्षेत्रीय अस्मिता के सहारे गेम बदलने की. लेकिन अभी तक इसका ज्यादा असर दिखता नजर नहीं आ रहा है. दोपहर तक तय हो जाएगा कि दोनों उत्तराखंडी मनीष सिसोदिया को हैट्रिक लगाने से रोक पाएंगे कि नहीं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के रिजल्ट आज आ रहे हैं. हम आपको सबसे तेज चुनाव परिणाम बताएंगे. हर सीट का ब्यौरा. कौन जीता और कौन हारा, कौन चल रहा आगे और कौन पीछे. बता दें कि एक्जिट पोल में आप की सरकार बनने का दावा किया गया था. हालांकि, बीजेपी के नेता लगातार दावा कर रहे थे कि सारे एग्जिट पोल गलत हो जाएंगे और बीजेपी सरकार बनाएगी. लेकिन शुरुआती रुझानों में बीजेपी पिछड़ती हुई दिख रही है और आप भारी बहुमत से सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ रही है.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस चुनावी दंगल में बिजली, स्कूल और पानी को अपना मुद्दा बनाया था और लोगों को पिछले पांच साल में पहुंचाए गए फायदों को गिनाते हुए वोट मांगे थे. अरविंद केजरीवाल ने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली और महिलाओं को बस में फ्री सफर दिलाने को अपनी प्रमुख उपलब्धियों के तौर पर प्रचारित किया था. साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र सरकार के काम पर वोट मांगे थे और नागरिकता संशोधन एक्ट, अनाधिकृत कॉलोनी समेत अन्य मुद्दों को लेकर लोगों से समर्थन मांगा था.

आप ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे

चुनाव आयोग ने वोटिंग के आंकड़े मतदान के करीब 24 घंटे बाद जारी किए थे। आप ने इस पर हैरानी जताई और कहा कि भीतर ही भीतर खेल चल रहा है। आप ने ईवीएम की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए। इसी के चलते उसने हर स्ट्रॉन्ग रूम पर अपने 10-10 कार्यकर्ता तैनात किए थे।

गिनती के लिए तैयारियां

  • वोटों की गिनती से 672 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हो रहा है, इनमें से 593 पुरुष और 79 महिला प्रत्याशी हैं। 1.46 करोड़ मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
  • दिल्ली के 11 जिलों की 21 लोकेशन पर वोटों की गिनती की जा रही है।
  • कॉमनवेल्थ गेम्स स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, एनएसआईटी द्वारका, मीराबाई इंटस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जीबी पंत इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सर सीवी रमन आईटीआई, धीरपुर, राजीव गांधी स्टेडियम भी वोटों की गिनती वाली 21 जगहों में शामिल हैं। 33 काउंटिंग ऑब्जर्वर्स हैं।
  • दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रनबीर सिंह ने कहा कि सभी ईवीएम का वोटिंग से पहले ही परीक्षण किया गया था। इनसे छेड़छाड़ संभव नहीं है। आप ने ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाया था। पार्टी ने हर स्ट्रॉन्ग रूम पर अपने 10-10 कार्यकर्ता तैनात किए थे।

चुनाव में वोटिंग और ट्रेंड्स

  • दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में 62.59% वोट डाले गए। यह पिछली बार के मुकाबले करीब 5% कम हैं। 2015 में चुनाव के दौरान 67.5% वोट डाले गए थे।
  • पिछले चुनाव के ट्रेंड बताते हैं कि दिल्ली में जब भी मतदान का प्रतिशत कम रहा, तो सरकार नहीं बदली। 2003 में 53% और 2008 में 58% वोटिंग हुई थी। इन दोनों ही चुनावों में सरकार नहीं बदली थी।
  • 2013 में दिल्ली के लोगों ने उस वक्त तक की सबसे ज्यादा 65.63% वोटिंग की थी। जब नतीजे आए, तो 15 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस की विदाई हो गई। हालांकि, किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और त्रिशंकु विधानसभा जल्दी ही भंग हो गई।
  • 2015 के चुनाव में अब तक का सबसे ज्यादा 67.12% मतदान हुआ। ऐतिहासिक नतीजों में 70 में से 67 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती थीं। भाजपा को 3 सीटें मिलीं और कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई।
  • 2020 के चुनाव प्रचार में किसने कितना जोर लगाया
    • आप: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 3 बड़े रोड शो किए और 23 दिन छोटी-छोटी सभाएं करते रहे। 39 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था। इनमें 18 चुनाव में उतरे। केजरीवाल के अलावा उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और संगीतकार विशाल डडलानी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल थे।
    • कांग्रेस: 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी, लेकिन इनमें से कुछ ही चेहरे विधानसभा क्षेत्रों में नजर आए। राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 4-4 चुनावी सभाएं कीं।

    2020 चुनाव में विवाद

    भाजपा: 14 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के बाद 23 दिन तक राजनीतिक दलों ने प्रचार किया। भाजपा के 100 नेताओं ने चुनाव प्रचार किया। मोदी ने दो चुनावी रैलियां कीं। भाजपा ने शाह, योगी समेत 40 स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार में उतारे। 4500 नुक्कड़ सभाएं कीं। अमित शाह अधिसूचना से 25 दिन पहले चुनाव प्रचार में जुट गए थे।

    • केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा पर विवादित बयान देने के लिए चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया गया। इन दोनों के नाम भाजपा की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल थे।
    • वोटिंग के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा मजनूं का टीला स्थित पोलिंग बूथ पर गई थीं। इस दौरान आप कार्यकर्ता ने उनसे अभद्रता दी। अलका लांबा ने उसे थप्पड़ मारने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस और आप कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई।
    • वोटिंग के कई घंटे बीत जाने के बावजूद वोट प्रतिशत के आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए। आप ने इस पर आश्चर्य जाहिर किया और अंदर ही अंदर खेल चलने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने वोटिंग के करीब 24 घंटे बाद आंकड़े जारी किए और कहा कि देर रात तक डेटा इकट्ठा कर रहे थे।

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