कोरोना वायरस शरीर के अंगों को कर रहा बर्बाद, शोध में कई चौंकाने वाली जानकारी आई सामने
कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. देश में अब तक 31 लाख 67 हजार 323 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 58,590 लोगों की मौत हो चुकी है. शोध में पता चला है कि कोरोना से होने वाली मौत सबसे बड़ा कारण ये है कि कोरोनावायरस मरीज के फेफड़े और किडनी को काफी चोट पहुंचाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगी है.
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच कई डराने वाले मामले भी सामने आ रहे हैं. कोरोना वायरस पर किए गए नए शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद अलग अलग अंगों को प्रभावित करता है. संक्रमण गंभीर होने पर फेफड़े, किडनी और अन्य कई अंग काफी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुका व्यक्ति अन्य बीमारियों से जूझता रहता है.
द लैंसेट माइक्रोब में प्रकाशित रिसर्च स्टडी में बताया गया है कि कोरोना वायरस से अब तक जिन मरीजों की मौत हुई है उनके फेफड़े या किडनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं थीं. इंग्लैंड में कोरोना मरीजों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर इंपीरियल कॉलेज लंदन और इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट ने शोध किया है.
शोध में पाया गया है कि कोरोना से होने वाली मौत में 10 में से 9 मरीजों के दिल, किडनी और फेफड़े में थ्रोम्बोसिस यानी खून के थक्के जमे मिले. इस शोध पर काम कर रहे डॉ. माइकल ऑस्बर्न ने कहा कि यह कोरोना मरीजों के लिए चौंकाने वाला मामला है. कोरोना वायरस फेफड़ों को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं, जिससे मरीज की मौत हो जाती है.
इसी तहर इंपीरियल कॉलेज एनएचएस ट्रस्ट के अस्पतालों में 22 से 97 साल की उम्र की कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच की गई. इस शोध में भी पाया गया कि कोरोना मरीज की किडनी में कोरोना वायरस ने बुरी तरह चोट पहुंचाई थी और आंतों में सूजन आज चुकी थी.
शोध में पाया गया है कि कोरोना से होने वाली मौत की पीछे सबे बड़ा कारण च्च रक्तचाप और क्रोनिक ऑबस्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी फेफड़ों में होने वाली परेशानियां थीं. इन मरीजों को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया था उस वक्त उन्हें बुखार था और सांस लेने में काफी दिक्कत थी.