शाहीन बाग में नवजात की मौत पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, पूछा- क्या 4 महीने का बच्चा खुद गया धरने पर?
शाहीन बाग (Shaheen Bagh) के विरोध प्रदर्शन में एक मां अपने 4 महीने के बच्चे को लेकर जाती थी और सर्दी लगने की वजह से उसकी मौत हो गई. इस खबर के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया.
नई दिल्ली. दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान चार माह के एक बच्चे की मौत पर दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल बाल पुरस्कार विजेता जेन सदावर्टे ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर बताया था कि शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन में एक मां अपने चार महीने के बच्चे को लेकर जाती थी और सर्दी लगने की वजह से उसकी मौत हो गई. इस खबर के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया.
वहीं शाहीन बाग प्रदर्शन में मौजूद तीन औरतों की वकीलों ने कोर्ट में अलग राय रखी. वकील शाहरुख आलम ने कोर्ट को बताया कि बच्चे की मौत प्रदर्शन में जाने से नहीं हुई है. वह बच्ची झुग्गी में रहती थी और उसकी मौत सर्दी लगने और लगातार बीमार होने की वजह से हुई है, न कि प्रदर्शन में जाने से. उसकी मौत कैसे हुई ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा की अगर झुग्गी में रहने वाली मां प्रदर्शन में जाती है तो उसके बच्चे कहां रहेंगे.
अंतरराष्ट्रीय कानून में बच्चों को भी प्रदर्शन करने का अधिकार है और भारत ऐसी संधि पर हस्ताक्षर कर चुका है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने वकील से सख्त लहजे में पूछा, ‘क्या चार महीने का बच्चा खुद विरोध प्रदर्शन में गया था. हालांकि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे ने साथ कहा कि जिसको भी अपनी बात कहनी है वह इस मामले में याचिका दाखिल करें और फिर उस पर सुनवाई होगी.