एशिया के सबसे बड़े स्लम में कोरोना अटैक, 1 की मौत, यहां रहते हैं 15 लाख लोग

संक्रमण फैलने की आशंका के बीच उसके परिवार के 8 से 10 लोगों को क्वारनटीन में रखा गया है. मरीज जहां रहता था उस इमारत को भी सील कर दिया गया है.

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मुंबई के धारावी में बसे स्लम को एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के तौर पर पूरी दुनिया जानती है. अब इस स्लम में भी जानलेवा कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. मुंबई के धारावी में कोरोना वायरस के पहले मरीज की मौत हो गई है.

धारावी को मुंबई की सबसे घनी और गरीब आबादी वाला क्षेत्र माना जाता है. यहां करीब 15 लाख लोग रहते हैं. इस स्लम में कोरोना का जो पहला मरीज मिला था उसकी उम्र 56 साल थी. पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे इलाज के लिए सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी बुधवार देर शाम मौत हो गई.

संक्रमण फैलने की आशंका के बीच उसके परिवार के 8 से 10 लोगों को क्वारनटीन में रखा गया है. मरीज जहां रहता था उस इमारत को भी सील कर दिया गया है.

धारावी स्लम करीब 613 हेक्टेयर जमीन पर बसा हुआ है और यहां ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर और छोटे-मोटे कारोबारी रहते हैं. इस इलाके में करीब 22 हजार से ज्यादा लोग कारोबार करते हैं और सिर्फ इस इलाके का टर्न ओवर 10 करोड़ से अधिक है. यहां एक झोपड़ी की कीमत भी इसी वजह से अब करोड़ों रुपये तक पहुंच चुकी है.

हालांकि धारावी को मुंबई में अपराध का भी केंद्र माना जाता है और गैंगवार, भाईगिरी यहां की विशालकाय गलियों और बस्ती में भरी पड़ी है. बता दें कि जब हमारे देश पर अंग्रेजों का शासन था उस वक्त साल 1862 में ब्रिटिशों ने अपने भवनों के निर्माण और अन्य कामों के लिए यहां मजदूर वर्ग के लोगों को बसाया था और तब से यहां की तंग गलियां इन मजदूरों की पहचान बन गई.

महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. बुधवार को कोरोना के 18 नए मामले सामने आए. मुंबई के सीएसटी रेलवे पुलिस स्टेशन का एक कॉन्स्टेबल भी कोरोना से संक्रमित मिला है जिसके बाद हड़कंप मच गया है.

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पॉजिटिव मरीजों की संख्या 335 तक पहुंच चुकी है.

देश में अब तक 1900 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 55 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पूरी दुनिया में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 9 लाख के आसपास तक पहुंच चुकी है.पूरी दुनिया में 42 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से मारे जा चुके हैं.

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