MRP से ज्यादा कीमत पर सामान बेचने पर सरकार सख्त, अधिकारियों से एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी

पासवान ने मंत्रालय के संयुक्त सचिव को आदेश दिया कि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया जाए कि 2016 के आदेश के बाद आखिर कितनी कंपनियों ने इस आदेश का पालन किया और जिन्होंने नहीं किया उनके खिलाफ क्या कार्यवाई की गई.

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नई दिल्ली: बड़े होटलों और रेस्तरां में एमआरपी से कई गुना ज्यादा दाम पर खाने-पीने का सामान देने की शिकायतें अक्सर आती रहती है. पिछले दिनों ऐसे दो बड़े मामले सामने आए हैं. पहला मामला अभिनेता राहुल बोस से जुड़ा है जिसमें उन्होंने शिकायत की थी कि चंडीगढ़ के एक होटल में उनसे 2 केलों के बदले 442 रुपए लिए गए. एक दूसरा मामला दो दिनों पहले आया जब सोशल मीडिया पर मुम्बई के होटल में 2 अंडों के लिए 1700 रुपए लिए जाने का एक बिल वायरल हो गया. सरकार ने दोनों ही होटलों से इस बारे में जवाब मांगते हुए नोटिस भेजा है.

 

होटल हो या सिनेमाघर या फिर रेस्तरां. एमआरपी से ज़्यादा दाम पर सामान बेचने की शिकायतें सबसे ज़्यादा बोतलबंद पानी के मामले में सामने आती हैं. दरअसल इस मामले में उपभोक्ता मंत्रालय ने 1 जनवरी 2016 को सभी राज्य सरकारों को एक एडवाइजरी जारी की थी. एडवाइजरी में पानी की बोतलों पर पांच चीजों की जानकारी देना अनिवार्य बनाया गया था. इनमें उस सामान के उत्पादन की तारीख, अधिकतम बिक्री मूल्य, सामान का वजन और उसपर चिपकाए जाने वाले स्टिकर का नाप शामिल था. हालांकि चौकाने वाली बात ये है कि ख़ुद उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान भी मानते हैं कि कई कम्पनियां इस एडवाइजरी का पालन नहीं कर रही हैं. पासवान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद पानी की एक बोतल हाथ में लेकर ये बात बताई.

 

उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने अब इस मामले में सख्त रुख अपनाया है. पासवान ने मंत्रालय के अधिकारियों से इस बारे में 1 हफ्ते के लिए भीतर एक रिपोर्ट देने को कहा है. पासवान ने मंत्रालय के संयुक्त सचिव को आदेश दिया कि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया जाए कि 2016 के आदेश के बाद आखिर कितनी कंपनियों ने इस आदेश का पालन किया और जिन्होंने नहीं किया उनके खिलाफ क्या कार्यवाई की गई. एडवाइजरी का पालन नहीं करने पर 25000 रुपए ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया था.

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