‘प्याज संकट’ से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर है। इससे प्याज की आसमान छूती कीमतों से परेशान लोगों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। पंजाब में तो प्याज की कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इस घड़ी में सदियों पुराना हमारा मित्र देश अफगानिस्तान साथ आया है और अपने यहां से भारत प्याज भेज रहा है। अगानिस्तान से प्याज से भरे ट्रक अटारी के इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) पहुंच रहे हैं।
अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट व अन्य सामान के साथ प्याज के भी ट्रक पहुंच रहे हैं। ट्रक सोमवार और इतने ही मंगलवार को आईसीपी पहुंचे हैं। आज भी इन ट्रकों के आने का सिलसिला जारी है। भारत में भारी बारिश में प्याज की फसल खराब होने के बाद से इसके रेट आसामान छू रहे हैं। इसीलिए आयातकों ने अन्य सामान के साथ अफगानिस्तानी निर्यातकों (एक्सपोर्टर) को प्याज सप्लाई करने के भी ऑर्डर दिए हैं। कुछ दिन में बड़े आकार वाला अफगानी प्याज पंजाब की मंडियों में उपलब्ध हो जाएगा।
बता दें कि पंजाब में आजकल प्याज के भाव 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। प्याज आम आदमी की पहुंच से दूर होने लगा तो आयातकों ने वैकल्पिक तौर पर अफगानिस्तान से प्याज मंगवाने का फैसला किया। पहले प्याज के रेट बढ़ने पर इंपोर्टर पड़ोसी देश पाकिस्तान से प्याज मंगवाते थे लेकिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से वहां से व्यापार पूरी तरह बंद है। इसीलिए आयातकों ने अफगानिस्तान के निर्यातकों को प्याज के ऑर्डर जारी कर दिए हैं।
मंगलवार को अफगानिस्तान से कुल 26 ट्रक आए। इनमें ड्राई फ्रूट से भरे 21, मिलान सीड से भरे दो, रतनजोत से भरे दो और प्याज से भरे दो ट्रक थे। इन्हें आइसीपी पर अनलोड कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को अफगानिस्तान से प्याज से भरे चार ट्रक भेजे गए थे। प्याज के दो ट्रकों में देरी होने के चलते सीडब्ल्यूसी ने उन्हें वापस वाघा लौटा दिया जो आज सुबह आईसीपी पर पहुंचे। ये चारों ट्रक अमृतसर के ही एक कारोबारी के हैं। आने वाले दिनों में अन्य इंपोर्टर भी अफगानिस्तान से प्याज मंगवाने के आर्डर भेजने की तैयारी कर चुके हैं।
महंगे प्याज से कुछ राहत मिलेगी
आइसीपी अटारी पर कस्टम हाउस क्लीयरेंस एजेंट (सीएचसी) मानव तनेजा ने बताया कि अफगानिस्तानी प्याज का स्वाद भारतीय प्याज से अलग होता है। इस प्याज के आने से से लोगों महंगे दामों से कुछ राहत मिलेगी। अफगानिस्तानी प्याज बहुत बड़े-बड़े साइज का है। इस कारण छोटे परिवारों को इसका बहुत फायदा नहीं होगा। प्याज अमृतसर की मंडी में रहता है तो लोगों को फायदा जरूर होगा। हालांकि पंजाब की दूसरी मंडियों में इसकी सप्लाई ऊंट के मुंह में जीरे के सामान होगी। असल में, पंजाब में लोगों की मांग के अनुरूप प्याज इंपोर्ट नहीं किया जा सकता है।