ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा राजे से गर्मजोशी भरी मुलाकात से सियासी माहौल गरम
ज्योतिरादित्य सिंधिया की अपनी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया और वसुंधरा राजे से हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात ने सियासी माहौल में गर्माहट ला दी है.
जयपुर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अपनी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया और वसुंधरा राजे से हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात ने सियासी माहौल में गर्माहट ला दी है. ग्वालियर में विजया राजे सिंधिया की 100वीं जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में सिंधिया राजघराने के सदस्य अरसे बाद एक साथ नजर आए. ग्वालियर में विजया राजे सिंधिया की छत्री स्थल (समाधि स्थल) पर शनिवार को 100वीं जयंती के मौके पर श्रद्घांजलि समारोह आयोजित किया गया था. इस श्रद्धांजलि समारोह में कांग्रेस नेता ज्येातिरादित्य सिंधिया, बीजेपी नेता यशोधरा राजे सिंधिया और वसुंधरा राजे के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंचे. इस मौके पर परिवार की एकजुटता नजर आई.
ज्योतिरादित्य ने जहां यशोधरा राजे को गले लगाकर अभिवादन किया, वहीं वसुंधरा से उनका हाल-जाल जाना. इसके साथ तीनों की आपस में काफी लंबी बातचीत भी हुई और आत्मीयता का भी प्रदर्शन किया गया. लम्बे अरसे बाद यह ऐसा मौका आया, जब सिंधिया राजघराने के सभी सदस्य साथ नजर आए और उन्होंने एक-दूसरे का पारंपरिक तरीके से अभिवादन किया और स्नेह जताया. पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार की योजनाओं पर सिंधिया द्वारा उठाए जाने वाले सवालों और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का स्वागत किए जाने के बाद से सियासी कयास लगाए जा रहे हैं. उसी के बाद अब सिंधिया की अपनी दोनों बुआ जो भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं, उनसे मेल-मुलाकात भले ही विजया राजे सिंधिया की जयंती पर हुई हो, लेकिन उसके सियासी मायने ढूढ़े जा रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले साल के विजया राजे सिंधिया की 99वीं जयंती के मौके पर भी ज्योतिरादित्य और यशोधरा राजे का छत्री पर आना हुआ था. दोनों ही अलग-अलग समय पर छत्री पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे. ग्वालियर चंबल क्षेत्र के राजनीतिक विश्लेषक और सिंधिया परिवार को करीब से जानने वाले राकेश अचल का कहना है, “इस मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं निकाले जा सकते, क्योंकि सिंधिया राजघराने की यह खूबी है कि उनमें आपस में चाहे कितनी भी दूरी हो, वे सार्वजनिक तौर पर मिलने पर एक-दूसरे का अभिवादन करने में कोई कमी नहीं करते. विजया राजे सिंधिया की 100वीं जयंती थी और इस मौके पर सभी का मिलना और फिर बुआ से आत्मीयता जताना उनकी परंपराओं का हिस्सा है.”