शिवराज कैबिनेट में विभागों का बंटवारा / नरोत्तम मिश्रा गृह और स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए; तुलसी सिलावट को जल संसाधन और कमल पटेल को कृषि मंत्रालय का जिम्मा

गोविंद सिंह राजपूत को सहकारिता और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, मीना सिंह को आदिम जाति कल्याण विभाग मिला मुख्यमंत्री शिवराज ने मंगलवार को क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए 5 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया था

भोपाल. मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के गठन के अगले दिन मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया है। नरोत्तम मिश्रा को गृह और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। तुलसी सिलावट जल संसाधन विभाग का काम संभालेंगे। गोविंद सिंह राजपूत सहकारिता और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग देखेंगे। कमल पटेल कृषि मंत्री बनाए गए हैं। मीना सिंह आदिम जाति कल्याण विभाग देखेंगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने मंगलवार को क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए 5 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया था। सीएम ने कहा कि अभी हमने विभागों का बंटवारा कोरोना को ध्यान में रखते हुए किया है। महामारी को नियंत्रित करने के लिए जितने विभाग जरूरी थे, उन्हें ही बनाया गया है।

मंत्रियों को संभागों का प्रभार दिया था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मंत्रियों को प्रदेश के संभागों का प्रभार दिया गया है। नरोत्तम मिश्रा को भोपाल एंव उज्जैन संभाग, तुलसी सिलावट को इंदौर एवं सागर संभाग, कमल पटेल को जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग, गोविंद सिंह राजपूत को चंबल एवं ग्वालियर संभाग और मीना सिंह को रीवा एवं शहडोल संभाग का प्रभार सौंपा गया है। सीएम शिवराज ने कहा कि सभी मंत्री दिए गए संभागों में कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एस.पी., स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य अमले से निरंतर समन्वय बनाए रखकर कोरोना के विरूद्ध अच्छी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगे।

शिवराज बोले- मंत्रिमंडल में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संकट को देखते हुए हमने मंत्रिमंडल छोटा बनाया है, परंतु यह संतुलित है। समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। शिवराज ने यह भी बताया कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। मंत्रियों को 24 मार्च से 21 अप्रैल तक सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से अवगत कराया।

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