बठिंडा, 20 दिसंबर: बठिंडा के वार्ड नंबर 48 में उप चुनाव को लेकर माहौल बिगड़ता ही जा रहा है। वीरवार देर शाम को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पदमजीत सिंह मेहता और शहरी विधायक जगरूप सिंह गिल आमने-सामने हो गए और दोनों के बीच बहसबाजी भी हुई। बताया जा रहा है कि विधायक जगरूप सिंह गिल और उनका भांजा सुखदीप सिंह ढिल्लों वीरवार देर शाम करीब 10 बजे अर्जुन नगर में बनी एफसीआई कॉलोनी के रहने वाले कुछ परिवारों को मिलने के लिए गए थे। वह उन परिवारों के साथ बातचीत कर ही रहे थे कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पदमजीत मेहता अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और उनकी वीडियो बनाकर हंगामा करने लगे। पदमजीत मेहता ने आरोप लगाया कि विधायक जगरूप सिंह गिल वोटरों को गुमराह कर रहे हैं और आम आदमी पार्टी के हक में वोट न करने के लिए उन्हें भड़का रहे हैं। इसके चलते वह देर रात को आकर पब्लिक मीटिंग कर रहे हैं जबकि आप उम्मीदवार के साथ नहीं चल रहे हैं।
इसका पता चलने पर वह अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच कर उन्हें रोकने आए हैं। इस बीच दोनों पक्षों में बहसबाजी हो गई। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन उससे पहले ही मामला शांत हो चुका था और दोनों पक्ष वहां से जा चुके थे। इस मामले को लेकर विधायक जगरूप सिंह गिल ने कहा कि वह कोई भी पब्लिक मीटिंग करने नहीं आए थे वह तो सिर्फ अपने इलाके के लोगों का हाल-चाल जानने के लिए आए थे। वह आए दिन अपने वार्ड और शहर के लोगों से मिलते जुलते रहते हैं इसीलिए वह आज भी लोगों से मिलने के लिए आए हुए थे लेकिन आप आदमी उम्मीदवार पदमजीत मेहता और उनके समर्थक जाकर उनके साथ हाथापाई करने लगे। उधर थाना करनाल कॉलोनी के प्रभारी हरबंस सिंह का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि अर्जुन नगर के पास कुछ हंगामा हुआ है लेकिन वह जब पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां पर कुछ भी नहीं हुआ था। वही लोगों को कहना है कि यहां पर कोई भी पब्लिक मीटिंग नहीं हो रही थी विधायक पहले भी जहां पर उनके परिवारों से मिलने के लिए आते रहते है। वह वीरवार देर शाम को भी उनके परिवारों से मिलने के लिए आए थे लेकिन दूसरी पार्टियों के लोगों ने जहां पर आकर हंगामा करना शुरू कर दिया और विधायक पर गलत आरोप लगाने लगे। जबकि विधायक ने ना तो कोई वोट को लेकर बात की और ना ही कोई चुनाव को लेकर मीटिंग की। विधायक पर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से गलत है उधर आप उम्मीदवार पदमजीत मेहता का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि विधायक इलाके के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इसके बाद वह मौके पर पहुंचे लेकिन उनकी तरफ से कोई भी हंगामा नहीं किया गया ना ही किसी के साथ कोई हाथापाई की गई।