मनप्रीत बादल ने पैदा की बठिंडा की राजनीति में हलचल, 20 कांग्रेसी पार्षदों का दल मिला लंबी में -कांग्रेस को एकजुट करने के लिए प्रदेश प्रधान ने संभाली कमान तो भाजपा का जनाधार बढ़ाने 24 को पहुंच रहे केंद्रीय मंत्री

-मनप्रीत बादल को मिलने वाले कांग्रेस नेताओं में मेयर रमन गोयल के पति भी शामिल

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बठिंडा . पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पिछले दिनो कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद राजनीतिक हलके की हलचल बढ़ गई है। अब स्थिति भाजाप वर्सज कांग्रेस की है जिसमें कांग्रेस जहां अपना प्रभुत्व बचाने की कोशिश में जुटी है वही कांग्रेस से भाजपा में पहुंचे मनप्रीत बादल व उनके सिपाहसलाहकार कांग्रेस के किले को भेजने में जुट गए है। इसका खुलासा हाल में मनप्रीत सिंह बादल के पैतृक गांव लंबी में करीब 20 पार्षद मिलने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मनप्रीत बादल को फूलों को गुलदस्ता भेट कर इस बात का संकेत दिया कि बठिंडा नगर निगम में सत्तारुढ कांग्रेस के लिए अब स्थिति बेहतर रहने वाली नहीं है। इस दौरान हैरानीजनक पहलू यह था कि मेयर रमण गोयल के पति संदीप गोयल इस दल में अग्रणी थे जबकि मास्टर हरमंदर सिंह सिद्धू दल की रहनुमाई कर रहे थे। फिलहाल बताया जा रहा है कि मनप्रीत बादल ने अभी सिर्फ ट्रेलर दिखाया है जबकि पूरी फिल्म अभी बाकि है। इसमें कहा जा रहा है कि मनप्रीत बादल के पक्ष में करीब 30 पार्षद आ सकते हैं इस स्थिति में अब भाजपा के लिए नगर निगम बठिंडा की राह आसान हो जाएगी। वही इस बड़ी हलचल के बीच कांग्रेस हाईकमान को भी अहसास हो गया है कि बठिंडा के गढ़ को बचाना जरूरी है। इसी के चलते अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा शुरू कर दी है वही कांग्रेस ने पार्षदों को गांव बादल में जिला प्रधान के साथ पहुंचने के लिए कहा है। जबकि भाजपा के जनाधार को बढ़ाने के लिए 24 जनवरी को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत बठिंडा पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह नगर निगम में बड़ा धमाका कर सकते हैं व अधिकारिक तौर पर कांग्रेस के पार्षदों को भाजपा में शामिल करवा सकते हैं।


मनप्रीत सिंह बादल के दो दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अब मनप्रीत बादल और राजा वाडिग गुट के बीच बठिंडा नगर निगम की सत्ता ‘पाने’ और इसे अपने पास रखने के लिए ‘शाही जंग’ चल रही है। इसी क्रम में जहां पूर्व वित्त मंत्री ने अपने समर्थक पार्षदों को बादल गांव में आमंत्रित किया था वहीं कांग्रेस को भी इसकी सूचना मिली और जिलाध्यक्ष राजन गर्ग के नेतृत्व में स्थानीय लार्ड रामा स्कूल के एक कार्यालय में पार्षदों के साथ बैठक की। दोनों गुटों के पार्षदों की संख्या लगभग बराबर है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनकी बैठक में 22 पार्षद शामिल हुए थे, जिन्होंने हस्ताक्षर भी कर दिए हैं जबकि सोशल मीडिया पर मनप्रीत बादल के गुट द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर में उनके साथ 18 पार्षद खड़े हैं। निगम में अभी कांग्रेस के 40 पार्षद हैं। मनप्रीत के साथ खड़े अधिकांश पार्षद गैर कांग्रेसी पृष्ठभूमि के हैं, जिन्हें दूसरी पार्टियों से लाकर टिकट दिया गया। हालाँकि कुछ नगर पार्षद ऐसे भी हैं जो दुविधा में हैं। कांग्रेस के साथ खड़े वरिष्ठ डिप्टी मेयर अशोक प्रधान, पूर्व अध्यक्ष केके अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष अरुण वधावन, पवन मानी आदि वरिष्ठ नेताओं ने पार्षदों से पार्टी के साथ खड़े होने का आग्रह किया है। उधर, पूर्व वित्त मंत्री के कट्टर राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले आप के मौजूदा विधायक जगरूप सिंह गिल और पूर्व अकाली विधायक व भाजपा के मौजूदा जिलाध्यक्ष सरूप सिंगला की भूमिका का भी इस पूरे प्रकरण में प्रभाव माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार मनप्रीत के आने के बाद सिंगला ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। मालूम हो कि मनप्रीत के कट्टर समर्थक कहे जाने वाले पार्षदों का भाजपा में स्वागत जरूर होगा, लेकिन साथ ही उन्हें यह स्पष्ट करने को कहा गया कि उन्हें भाजपा में आकर ‘क्या-क्या’ नहीं करना होगा। शहर के ज्यादातर बीजेपी और आरएसएस से जुड़े नेता पहले सरूप सिंगला के पक्ष में भी नहीं थे, लेकिन अब मनप्रीत के आने से बने राजनीतिक हालात में वे सिंगला के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं।

फिलहाल अस नए समीकरण में बठिंडा में कांग्रेस का गढ़ बनाए रखने के लिए जहां पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वाडिग खुद आगामी दो दिन में मोर्चा संभालने आ सकते हैं वहीं बठिंडा कांग्रेस पार्षदों को एकजुट रखने के लिए एक टक्साली कांग्रेसी नेता की ड्यूटी लगाई जा रही है। उधर, शहर में हो रहे इन तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस के पूर्व नेता व बठिंडा नगर निगम की ‘मां’ माने जाने वाले मौजूदा आप विधायक जगरूप सिंह गिल खामोश हैं गिल को राजनीति का ‘मजबूत’ खिलाड़ी माना जाता है और उनका कोई भी राजनीतिक कदम कांग्रेस और कांग्रेस के बीच चल रही सियासी जंग में अपना रंग दिखा सकता है।

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