ममता ने राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- कोरोना संकट के समय सत्ता हड़पने की कोशिश नहीं कीजिए

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने यह भी कहा है कि राज्यपाल (Governor) की तरफ से ऐसी भड़काने वाली बातें न ही हालियां हैं और न ही पहली बार हैं.

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मुख्यमंत्री (CM) और राज्यपाल (Governor) के बीच मचा घमासान थम नहीं रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhad) के व्यवहार को एक चुने हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ भारतीय संविधान (Indian Constitution) और राजनीति इतिहास में अभूतपूर्व बताया है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि राज्यपाल (Governor) की तरफ से ऐसी भड़काने वाली बातें न ही हालियां हैं और न ही पहली बार (first-time) हैं.

‘सत्ता हड़पने का प्रयास कर रहे राज्यपाल’
इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने ट्वीट कर ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee) को आड़े हाथों लिया था और उस पर राज्य में कोरोना से हुई मौतों के असली आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी लिखा था कि कोरोना वायरस के मौत के सही आंकड़े सामने आने से लोगों को स्थिति की गंभीरता का एहसास होगा और वे इसके प्रति ज्यादा सावधानी बरतेंगे.

इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि वह कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) के दौरान ‘‘सत्ता हड़पने’’ की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को पिछले हफ्ते राज्यपाल ने दो पत्र भेजे थे, जिसके बाद ममता (Mamata) ने यह तीखी टिप्पणी की है.

कोविड-19 के प्रसार के बीच पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन में चल रही है तकरार

दरअसल, कोविड-19 (Covid-19) के प्रसार के प्रति पश्चिम बंगाल सरकार की प्रतिक्रिया के मद्देनजर राजभवन और नबन्ना (राज्य सचिवालय) के बीच तकरार चल रही है. ममता ने धनखड़ को 14 पृष्ठों के अपने जवाब में कहा, ‘‘एक राज्यपाल से एक निर्वाचित मुख्यमंत्री (Elected CM) को इस तरह के शब्द और इस तरह की विषय-वस्तु, अभिप्राय और लहजे वाले पत्र भारत के संवैधानिक एवं राजनीतिक इतिहास में पूर्ण रूप से अभूतपूर्व हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे और मेरे मंत्रियों तथा मेरे अधिकारियों (Officers) के खिलाफ आपके (राज्यपाल के) शब्द अपमानजनक, असयंमित, भयादोहन करने वाले और निंदनीय बताये जा सकते हैं.’’

ममता ने संवैधानिक नियमों का खुद पालन किए बिना प्रवचन देने का लगाया आरोप
ममता ने उन पर उपदेश देने और संवैधानिक नियमों (Constitutional Rules) का खुद पालन किये बगैर प्रवचन देने तथा उल्लंघन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल (Governor) उनकी (मुख्यमंत्री की) नीतियों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इसे उनके संज्ञान में लाने के अलावा उनके पास और कोई शक्ति नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘संकट की इस घड़ी में सत्ता हड़पने की अपनी कोशिशों तेज करने से बाज आने की मैं आपसे विनती करती हूं… आपको सोशल मीडिया (Social Media) पर अपने लगातार ट्वीट में आधिकारिक पत्र/ लोगो इस्तेमाल करने से दूर रहना चाहिए.’’

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