महबूबा मुफ्ती बोलीं- कश्मीर राजनीतिक समस्या, समाधान के लिए पाक को भी शामिल करो
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर समस्या को राजनीतिक समस्या करार दिया, साथ ही कहा कि इस राजनीतिक मसले के राजनीतिक समाधान की जरूरत है. इसमें पाकिस्तान समेत सभी पक्ष शामिल किए जाएं.
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर समस्या को राजनीतिक समस्या करार दिया और कहा कि इस राजनीतिक मसले के राजनीतिक स्तर पर समाधान की जरूरत है. इस मामले में पाकिस्तान समेत सभी पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए.
Since 1947, Kashmir’s been looked through the prism of security by successive governments. It’s a political problem that needs a political redressal by involving all stakeholders inc Pak.Expecting a quick fix through brute force by newly appointed HM is ridiculously naive
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 3, 2019
बीजेपी के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में सरकार चला चुकीं महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि इस राजनीतिक मसले के राजनीतिक समाधान की जरूरत है. इसमें पाकिस्तान समेत सभी पक्ष शामिल हों. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से ही सरकारें कश्मीर को सुरक्षा के चश्मे से देखती रही हैं. नए गृह मंत्री अमित शाह से बल प्रयोग के माध्यम से त्वरित सुधार की उम्मीद करना हास्यास्पद है।
राज्य में धारा 370 और अनुच्छेद 35 A समाप्त करने का वादा
गौरतलब है कि प्रचंड जनादेश के साथ एक बार फिर सत्ता में आई मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज्य में धारा 370 और अनुच्छेद 35 A समाप्त करने का वादा किया था. बीजेपी के संकल्प पत्र में भी इसका उल्लेख था. पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को नई सरकार में राजनाथ सिंह की जगह गृह मंत्री बनाए जाने के बाद उनसे कश्मीर के हालात से कड़ाई से निपटने की उम्मीद जताई जा रही है.
हुर्रियत ने भी जताई उम्मीद
महबूबा मुफ्ती से पहले हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी शुक्रवार को उम्मीद जताई थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बातचीत की पेशकश पर एनडीए की नई सरकार गंभीरता से विचार करेगी.
अलगाववादी नेता फारूक ने कहा था कि भारत की जनता द्वारा बीजेपी के पक्ष में किया गया भारी मतदान मोदी को काफी समय से लंबित कश्मीर समस्या के समाधान में निर्णायक भूमिका निभाने का मौका देता है. मीरवाइज ने रमजान के आखिरी शुक्रवार ‘जुमात-उल-विदा’ पर जामा मस्जिद में नमाज के बाद खुतबा (उपदेश) देते हुए यह बातें कही थीं.
शाह से सख्ती की उम्मीद
कश्मीर घाटी के हालात सरकार के लिए हमेशा चिंताजनक रहे हैं. कुछ वर्ष पूर्व आई भीषण बाढ़ के समय को हटा दें जिसमें कश्मीरी मदद में जुटे सेना के जवानों की तारीफ करते नहीं थक रहे थे, लेकिन अब कश्मीर से पत्थरबाजी की खबरों का आना आम बात है. पाक के समर्थन में नारेबाजी, सेना पर पत्थरबाजी करने वालों से सख्ती से निपटने की मांग हमेशा होती रही है. अब जबकि पीएम मोदी ने सख्त छवि के अमित शाह को गृह मंत्रालय सौंप दिया है, लोगों को उम्मीद है कि वह इससे सख्ती से निपटेंगे.