समर्थन के बदले NCP ने रखी शर्त- NDA से बाहर हो शिवसेना, मोदी सरकार से इस्तीफा दें मंत्री
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने साफ किया है कि अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे एनडीए से नाता तोड़ना होगा और बीजेपी से अपने रिश्ते खत्म करने होंगे.
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शरद पवार से मिलेंगे शिवसेना नेता
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अकेले सरकार नहीं बना सकती शिवसेना
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कांग्रेस और एनसीपी में बैठकों का दौर
महाराष्ट्र में सियासी हलचल लगातार तेज होती दिख रही है. बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर साफ कर दिया है कि वह राज्य में अकेले सरकार नहीं बना सकती क्योंकि उसके पास संख्या बल नहीं है. इसके बाद रविवार को राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना से सरकार बनाने के लिए पूछा है.
हालांकि अभी शिवसेना का जवाब आना बाकी है, इस बीच एनसीपी ने भी शिवसेना के सामने समर्थन देने के बदले एनडीए से नाता तोड़ने की शर्त रख दी है. सोमवार को शिवसेना के नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकत करने वाले हैं.
Nawab Malik, NCP: We have called a meeting of our MLAs on Nov 12. If Shiv Sena wants our support,they will have to declare that they have no relation with BJP&they should pull out from National Democratic Alliance (NDA). All their ministers will have to resign from Union Cabinet. https://t.co/iABYpebRTU
— ANI (@ANI) November 10, 2019
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने साफ किया है कि अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे एनडीए से नाता तोड़ना होगा और बीजेपी से अपने रिश्ते खत्म करने होंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना को समर्थन के बदले केंद्रीय कैबिनेट से अपने सभी मंत्रियों को इस्तीफा दिलवाना होगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 12 नंवबर को पार्टी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा.
किसी एक दल को नहीं बहुमत
महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ है और दोनों में से कोई दल अकेले सरकार नहीं बना सकता. ऐसे में शिवसेना को सरकार गठन के लिए कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन की जरूरत होगी. चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. ऐसे में शिवसेना को न सिर्फ एनसीपी बल्कि कांग्रेस को भी सरकार बनाने के लिए साथ में लेना होगा.
उधर, सरकार गठन से बीजेपी के इनकार के बावजूद शिवसेना के तल्ख तेवर बने हुए हैं. पार्टी नेता संजय राउत ने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि यह सब सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए किया जा रहा था लेकिन अब वह पीछे हट गए तो बीजेपी का मुख्यमंत्री कैसे होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपना सीएम भी नहीं बनाना चाहती है और शिवसेना को दिया गया वादा भी नहीं पूरा करना चाहती, ये कौन सी भूमिका है.
बीजेपी-शिवसेना में तल्खी बरकरार
बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने भी शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने गठबंधन को बहुमत दिया है लेकिन शिवसेना सरकार गठन के लिए सहयोग करने को तैयार नहीं है. ऐसे में हमने राज्यपाल को बताया है कि बीजेपी अकेले महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकती. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने जनता के साथ विश्वासघात किया है.
इन सबके बीच कांग्रेस भी नए सियासी माहौल में नई रणनीति बनाने में जुटी हुई है. कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि पार्टी हाई कमान से बात कर राज्य को सियासी संकट से उबारने की कोशिश करेगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि हम आगे क्या करना है, इस पर चर्चा कर रहे हैं. चव्हाण ने कहा कि हम राज्य में सियासी संकट नहीं चाहते और न ही फिर से चुनाव चाहते हैं. मौजूदा हालात को देखते हुए हम अपनी रणनीति तय करेंगे. उन्होंने कहा कि हम जो भी फैसला लेनें उसमें एनसीपी भी हिस्सेदार होगी. महाराष्ट्र में जीते हुए कांग्रेस विधायकों ने इस बाबत जयपुर में बैठक भी है.