महाराष्ट्र में मंदिर न खोलने पर राजनीति:अब फडणवीस की पत्नी का उद्धव पर निशाना- भरोसा न कर पाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देकर खुद को साबित करना होता है

मंगलवार को राज्यपाल कोश्यारी ने लेटर लिखकर उद्धव से पूछा था- ऐसा कोई आपको दैवीय आदेश मिला है या फिर आप अचानक सेक्युलर हो गए उद्धव ने राज्यपाल को लिखे जवाबी पत्र में कहा था- मुझे आपसे हिंदुत्ववादी होने का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए

महाराष्ट्र में मंदिरों को नहीं खोलने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। अब पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। अमृता ने बुधवार को ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में बार और शराब की दुकानों को खोलने की छूट है, लेकिन मंदिर खतरनाक जोन में हैं। भरोसा न कर पाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देकर खुद को साबित करना होता है, ऐसे लोग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को लागू करवाने में नाकाम रहते हैं।

मंदिर नहीं खोलने पर सीएम और राज्यपाल के बीच हुई थी चिट्ठीबाजी
इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र में मंदिर न खोले जाने पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच चिट्ठीबाजी हुई थी। राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में उद्धव को लिखा था कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्त्रां खोल दिए हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गए। ऐसा न करने के लिए आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए। उद्धव ने भी राज्यपाल की इस चिट्ठी का तुरंत जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें उनसे यानी राज्यपाल से हिंदुत्व के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

राज्यपाल के पत्र को लेकर पवार ने पीएम को लिखा पत्र
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच चिट्ठीबाजी के बाद मंगलवार शाम को राकांपा चीफ शरद पवार ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने राज्यपाल की चिट्ठी की भाषा पर हैरानी जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि राज्यपाल का पत्र की भाषा ऐसी है जैसे इसे किसी राजनीतिक पार्टी के नेता द्वारा लिखा गया हो।

राज्यपाल की चिट्ठी किसी षड्यंत्र का हिस्सा: यशोमति ठाकुर
राज्यपाल की चिट्ठी पर उद्धव सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर का भी बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि राज्यपाल की चिट्ठी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा लग रही है। यशोमति ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर बैठकर असंवैधानिक बातें कर रहे हैं। जो किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा लग रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोरोना का खतरा टल गया है तो अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के लिए लालकृष्ण आडवाणी को क्यों नहीं बुलाया गया? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर माननीय राज्यपाल यह जिम्मेदारी लेते हैं कि धार्मिक स्थल खोलने से कोरोना के प्रसार नहीं होगा तो सरकार को धार्मिक स्थलों को (मंदिरों) खोलने में कोई परेशानी नहीं है

अमृता पहले भी ठाकरे परिवार पर साध चुकी हैं निशाना
अमृता फडणवीस इससे पहले भी कई मुद्दों को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना कर चुकी हैं। कुछ महीने पहले देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी को लेकर एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था- ‘गांधी’ सरनेम लगाने से हर कोई गांधी नहीं हो जाता। इसी ट्वीट पर अमृता ने लिखा था- बिलकुल सही देवेंद्र जी! अपने नाम के आगे ‘ठाकरे’ उपनाम लगाने से कोई भी ‘ठाकरे’ नहीं बन सकता! अमृता एक्सिस बैंक में वाइस प्रेसीडेंट रही हैं। वे क्लासिकल सिंगर भी हैं।

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