कंगना vs शिवसेना 7वां दिन:कंगना अपना टूटा दफ्तर देखने पहुंचीं; बीएमसी ने इस कार्रवाई पर बॉम्बे हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया, अगली सुनवाई 22 को
कंगना बुधवार को हिमाचल से मुंबई पहुंची थीं, इससे पहले ही बीएमसी ने उनके मुंबई स्थित दफ्तर में अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की कंगना कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट गईं, कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई और कहा- इतनी तेजी दूसरी जगहों पर दिखाते तो मुंबई कुछ और होती
कंगना रनोट गुरुवार को पाली हिल्स स्थित अपना टूटा हुआ दफ्तर देखने पहुंचीं। उनके साथ उनकी बहन रंगोली भी थीं। कंगना यहां पर करीब 10 मिनट तक रहीं। दफ्तर तोड़े जाने के मामले में गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बीएमसी ने अपना जवाब दाखिल किया है। इसके बाद कंगना के वकील ने कोर्ट से कुछ वक्त मांगा। मामले की सुनवाई अब 22 सितंबर को होगी।
बुधवार को कंगना हिमाचल से मुंबई पहुंची थीं। इसके पहले ही बीएमसी ने पाली हिल्स स्थित कंगना के दफ्तर मणिकर्णिका फिल्म्स में अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की थी। इसके खिलाफ कंगना हाईकोर्ट गई थीं और कोर्ट ने कार्रवाई पर स्टे लगा दिया था।
उद्धव पर टिप्पणी के मामले में कंगना के खिलाफ शिकायत
विक्रोली पुलिस स्टेशन में कंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। शिकायतकर्ता वकील नितिन माने ने कंगना पर सीएम उद्धव ठाकरे के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने और उन्हें बदनाम करने के लिए ‘बॉलीवुड माफिया’ के साथ संबंध जोड़ने का आरोप लगाया। एक्ट्रेस ने बुधवार को एक वीडियो मैसेज में सीएम के नाम से पहले आपत्तिजनक शब्द कहा था।
कार्रवाई के दूसरे दिन भी कंगना के तीखे तेवर
गुरुवार सुबह कंगना ने तीन ट्वीट कर शिवसेना, सीएम उद्धव ठाकरे और बीएमसी पर निशाना साधा।
पहला ट्वीट
दूसरा व तीसरा ट्वीट
तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुँह बंद करोगे मगर मेरी आवाज़ मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुँह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो।
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 10, 2020
मैं इस बात को विशेष रूप से शपष्ट करना चाहती हूँ की महाराष्ट्रा के लोग सरकार द्वारा की गयी गुंडागर्दी की निंदा करते हैं, मेरे मराठी शुभचिंतकों के बहुत फ़ोन आ रहे हैं, दुनिया या हिमाचल में लोगों के दिल में जो दुःख हुआ है वो यह कतई ना सोचों की मुझे यहाँ प्रेम और सम्मान नहीं मिलता।
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 10, 2020
इस बीच, कंगना की बहन रंगोली पाली हिल्स स्थित ऑफिस में हुई तोड़फोड़ का जायजा लेने पहुंची। बताया जा रहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री के सलाहकार से जवाब तलब किया है। वे इस कार्रवाई की रिपोर्ट केंद्र को भी भेज सकते हैं।
इससे पहले गुरुवार को कंगना के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए बीएमसी की कार्रवाई को गैरकानूनी, मनमानी, दुर्भावनापूर्ण बताया था। हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि वह 9 सितंबर को तोड़फाेड़ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करें। बुधवार को जब तक कोर्ट का स्टे ऑर्डर आया, तब तक कंगना के ऑफिस का एक बड़ा हिस्सा गिराया जा चुका था।
सामने आया बीएमसी का दोहरा रवैया
कंगना के ऑफिस को तोड़ने से पहले सोमवार को फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले पर अवैध निर्माण को लेकर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था। बीएमसी ने उन्हें 7 दिन का समय दिया था और कंगना को सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया गया। नोटिस में मल्होत्रा के बंगले में अवैध निर्माण की बात भी कही गई है।
राकांपा प्रमुख पवार ने कहा- मुंबई में कई अवैध निर्माण हैं
बीएमसी की कार्रवाई शिवसेना सरकार पर उल्टे दांव की तरह पड़ती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस विवाद से पल्ला झाड़ लिया है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से कंगना को बोलने का मौका दे दिया है। मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं। यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया।
कंगना के बहाने राष्ट्रपति शासन की मांग
मुंबई के कंगना के ऑफिस में हुई तोड़फोड़ के मामले को आधार बनाकार अब राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग उठाई जा रही है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति और झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। अभिनेता की बहन ने ट्वीट कर कहा,”हे भगवान! यह कैसा गुंडा राज है। इस तरह का अन्याय बिल्कुल भी नहीं सहना चाहिए। क्या राष्ट्रपति शासन इस अन्याय का जवाब हो सकता है? चलो दोबारा राम राज स्थापित करते हैं।”
सरयू राय ने बीएमसी की कार्रवाई को जंगलराज बताया है। साथ ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
कंगना रणौत का घर तोड़ने के तरीक़ा से साबित हो गया है कि मुंबई में जंगल राज है.महाराष्ट्र सरकार में मवालियों और माफियाओं की तूती बोल रही है.वहां संविधान और क़ानून का शासन समाप्त हो गया है.नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा नहीं है. @narendramodi महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो.
— Saryu Roy (@roysaryu) September 9, 2020