महाराष्ट्र / संजय राउत ने 175 विधायकों के समर्थन का दावा किया, कहा- मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा

विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 13 दिन बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर तस्वीर साफ नहीं महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने गतिरोध को खत्म करने के लिए संघ प्रमुख को पत्र लिखा चर्चा है कि शिवसेना राकांपा के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार बना सकती है

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मुंबई. विधानसभा चुनाव परिणाम आने के 13 दिन बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। भाजपा-शिवसेना के बीच खींचतान और बयानबाजी और तेज हो गई है। मंगलवार को एक बार फिर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री सिर्फ शिवसेना का होगा। बीते 5 दिनों में राउत ने दूसरी बार शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होने की बात दोहराई है। उन्होने यह दावा किया कि उनके पास 171 विधायकों का समर्थन है और यह संख्या 175 हो सकती है।

उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने राज्य में सरकार गठन को लेकर चले रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए संघ प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने संघ प्रमुख से आग्रह किया है कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं, ताकि भाजपा और शिवसेना के बीच जारी विवाद का सहमति से हल निकल सके।

शिवसेना-राकांपा गठबंधन की चर्चा जोरों पर
सियासी गलियारे में चर्चा है कि शिवसेना और राकांपा मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। इसमें निर्दलीय 8 विधायक भी शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस इन्हें बाहर से समर्थन कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राकांपा के एक विधायक ने दावा किया है कि राकांपा शिवसेना के साथ सरकार बनाने की इच्छुक है। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर किसी नेता का कोई बयान नहीं आया है।

यह हो सकता है शिवसेना-राकांपा का फॉर्मूला
राकांपा विधायक के मुताबिक, ‘‘हमने भाजपा-शिवसेना के बीच 1995 वाला फॉर्मूला आगे रखा है। तब मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास था जबकि उपमुख्यमंत्री का पद भाजपा के पास था। इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत और राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ हुई मुलाकात से भी अटकलों का बाजार गर्म हो गया था।’’

महाराष्ट्र में किसके पास, कितने नंबर?
संजय राउत भी यह दावा कर चुके हैं कि उनके पास 171 विधायकों का समर्थन है और यह संख्या 175 हो सकती है। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 105 भाजपा, 56 शिवसेना, 54 राकांपा, 44 कांग्रेस, 2 एआईएमआईएम, 3 बहुजन विकास अघाड़ी, 13 निर्दलीय और 11 अन्य के पास है। यानी कांग्रेस और राकांपा के समर्थन के बिना ऐसी कोई सूरत नहीं बन रही है, जिसके आधार पर शिवसेना पूर्ण बहुमत होने का दावा कर सके। महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है।

सोमवार को चला मुलाकात का सिलसिला
इससे पहले सोमवार को मुंबई से दिल्ली तक मुलाकातों का सिलसिला चला। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बातचीत में फडणवीस ने सिर्फ इतना कहा कि महाराष्ट में जल्द सरकार का गठन होगा। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। पवार ने कहा कि सोनिया से राज्य के राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई। वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात की।

शिवसेना से गठबंधन नहीं करना चाहिए: भाजपा नेता
इस बीच महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल का बयान सामने आया। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा को शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए। हमें फिर से मौका दें, हम फिर से चुनाव लड़ेंगे और इस बार जीतेंगे।’’

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