फ्लोर टेस्ट: कांग्रेस-NCP ही नहीं, ये छोटे दल भी करेंगे उद्धव सरकार के समर्थन में वोट

महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण के समर्थन में उद्धव सरकार के पक्ष में कई छोटे दल आ गए हैं. छोटे दलों के साथ आने से महा विकास अघाड़ी को समर्थन करने वाले विधायकों का आंकड़ा 171 तक पहुंच गया है.

  • उद्धव सरकार को मिल सकता है 170 विधायकों का समर्थन
  • MNS, CPI, BVA समेत ये दल आए उद्धव सरकार के समर्थन में

मुंबई। महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण के समर्थन में उद्धव सरकार के पक्ष में कई छोटे दल आ गए हैं. शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस के अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे), सीपीआई-एम, किसान और वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (पीडब्लूपी), बहुजन विकास अघाड़ी, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के विधायक भी उद्धव सरकार के पक्ष में वोट करेंगे.

छोटे दलों के साथ आने से महा विकास अघाड़ी को समर्थन करने वाले विधायकों का आंकड़ा 171 तक पहुंच गया है. इसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44, सपा के 2, स्वाभिमानी शेतकारी  के एक, बहुजन विकास अघाड़ी के 3 और निर्दलीय 8 विधायक हैं. इसके अलावा एमएनएस, पीडब्लूपी और सीपीआई के एक-एक विधायक भी उद्धव सरकार को वोट देंगे. हालांकि, स्पीकर वोट नहीं कर पाएगा. इसलिए सरकार के पक्ष 170 वोट पड़ सकते हैं.

क्या है बहुमत का आंकड़ा

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सीटें 288 हैं. बहुमत के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44 विधायको को मिलकर आंकड़ा 154 तक पहुंचता है. यानी सबकुछ ठीकठाक रहा तो गठबंधन के पास बहुमत से 9 सीटें ज्यादा हैं.

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महाराष्ट्र का सियासी गणित बदल चुका है. फडणवीस को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और वहीं नए मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे ने सीएम की कुर्सी संभाल ली है. आज महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) को बहुमत साबित करना है.  एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन के पास अपने 154 विधायक हैं, जबकि 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 का आंकड़ा बहुमत के लिए चाहिए. बता दें कि तीनों पार्टियों ने मुंबई के होटल हयात में 162 विधायकों की परेड करने का दावा किया था. हॉल में ‘आम्ही 162’ और ‘We Are 162’ लिखे पोस्टर भी लगाए गए थे.

बीजेपी की मिली थीं 105 सीटें

24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे में बीजेपी को जहां 105 सीटें मिली थीं, वहीं शिवसेना के खाते में 56 सीटें आईं. इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थीं. राज्य में एक महीने तक चले सियासी घमासान के बीच 23 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत साबित करने की स्थिति में न होने की वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस ने की डिप्टी सीएम की मांग

उद्धव सरकार  विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करेगी, लेकिन बहुमत परीक्षण के पहले कांग्रेस ने पेच फंसा दिया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने ऐन मौके पर डिप्टी सीएम की मांग कर दी है. कांग्रेस चाहती है कि राज्य में एनसीपी के अलावा उनकी पार्टी का भी डिप्टी सीएम हो. हालांकि कांग्रेस विधायक विजय वाडेत्तिवार ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव में हमें 168 से ज्यादा वोट मिलेंगे.

मंत्रालय के बंटवारे पर बनी सहमति

महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच मंत्रालय के बंटवारे पर सहमति बन गई है. कांग्रेस को राजस्व, पीडब्लूडी और आबकारी विभाग मिल सकता है, जबकि एनसीपी के खाते में गृह, वित्त, पर्यावरण और वन मंत्रालय जा सकता है. मुख्यमंत्री पद के अलावा शिवसेना के बाद शहरी विकास, हाउसिंग, सिंचाई, परिवहन मिल सकता है. हालांकि, अभी शिक्षा और उद्योग से जुड़े मंत्रालयों पर सहमति बन गई है.

कल होगा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में स्पीकर का पद कांग्रेस के खाते में गया है और कांग्रेस ने नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किसन कथोरे को अपना प्रत्याशी बनाया है. किसन कथोरे ने अपनी राजनीति की शुरुआत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से की थी. उन्होंने पहला चुनाव अंबरनाथ सीट से लड़ा और शिवसेना के कद्दावर नेता को हराया था

28 नवंबर को उद्धव बने थे सीएम

बता दें कि 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया. वह ठाकरे परिवार से पहले मुख्यमंत्री हैं. उनके साथ 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. शपथ ग्रहण के बाद उद्धव सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

171 के आंकड़े का दावा

शिवसेना-56

निर्दलीय-08

NCP-54

कांग्रेस- 44

समाजवादी पार्टी-02

स्वाभिमान शेतकरी -01

BVA-03

MNS-01

PWP-01

CPI(M)-01

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