- महाराष्ट्र मामले पर मंगलवार को आएगा फैसला
- सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी SC
- कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना ने की फ्लोर टेस्ट की मांग
- अदालत में सौंपा गई राज्यपाल की चिट्ठी
नई दिल्ली /मुंबई। महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट अब महाराष्ट्र के संकट पर मंगलवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी. सोमवार को करीब दो घंटे इस मसले पर अदालत में तीखी बहस हुई. कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की तरफ से जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग की गई, जबकि फडणवीस-अजित पवार की ओर से कुछ समय मांगा गया।
सुनवाई के बाद क्या बोले कांग्रेस के नेता…
कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, SC को हमने 154 विधायकों के शपथपत्र दिखाए. बहुमत परीक्षण से सच सामने आ जाएगा, हमारे गठबंधन को विश्वास है कि महाराष्ट्र में जनमत की जीत होगी. भाजपा-अजित पवार की ओर से संवैधानिक संस्थाओं को धूमिल किया गया है. पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि आज महाराष्ट्र में एक नाजायज सरकार और मुख्यमंत्री हैं, हमारे पास तीनों दलों की ओर से 154 विधायकों का साथ है. एनसीपी के कुछ विधायकों ने दोनों जगह साइन किया है, पहले साइन गलती से हुए हैं और अब असली साइन आए हैं.
उन्होंने कहा कि असलियत जानने के लिए फ्लोर टेस्ट के अलावा कोई रास्ता नहीं है, हम चाहते हैं कि 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट हो. SC से हमारी गुजारिश है कि जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट हो, विधानसभा में ही इसका फैसला हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट से फडणवीस सरकार को राहत मिली है. अदालत अब इस मामले में कल सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी. सोमवार को करीब 2 घंटे इस मामले में अदालत में तीखी बहस छिड़ी जिसके बाद अदालत ने इस कल फैसले सुनाने का आदेश दिया है. बता दें कि एक तरफ एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की ओर से मांग की जा रही थी कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट किया जाए.
मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए 14 दिन का वक्त दिया है. उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर के बाद स्पीकर का चुनाव जरूरी है, लेकिन विपक्ष प्रोटेम स्पीकर से ही काम कराना चाहता है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगले सात दिन में फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता है, कल भी फ्लोर टेस्ट का ऑर्डर ना दिया जाए.
कोर्ट में अब बहस का फोकस शिफ्ट हो रहा है. अदालत में अब फ्लोर टेस्ट के समय पर बहस हो रही है. इस दौरान तुषार मेहता ने कहा कि महाविकास अघाड़ी ने सूची में गड़बड़ी की है. इसपर सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट से पता चलेगा कि आप औंधे मुंह गिरेंगे, आप हारेंगे.इस दौरान अदालत ने पूछा कि आप क्या मांग रख रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं. इसपर जस्टिस रमना ने कहा कि हमें पता है कि क्या आदेश देना है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा की कुछ परंपरा हैं, जिनका पालन होना चाहिए. पहले प्रोटेम स्पीकर, सदस्यों का शपथग्रहण, स्पीकर का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और फिर फ्लोर टेस्ट.
एनसीपी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी दलील रख रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि अगर दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं तो देरी क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ छिपाया जा रहा है तो फर्जीवाड़ा हुआ है. अजित पवार की चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है. अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से चिट्ठी को फ्रॉड बताने पर मुकुल रोहतगी भड़के और उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई.इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने 48 एनसीपी, 56 शिवसेना और 44 कांग्रेस विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने की बात कही. इस पर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जताई, इस पर अदालत ने कहा कि अगर आप ये दाखिल करेंगे तो मुझे उनसे जवाब लेना होगा. जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने चिट्ठी वापस ले ली.अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि कोर्ट को तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिए, पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होनी चाहिए.