महाकुंभ मेले में आग रोकने एक साथ उतरे 600 जवान:10 मिनट में स्पॉट घेरा; 32 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग बुझाई

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सीएम योगी का रविवार को महाकुंभ में विजिट था, इसलिए सब उसी में बिजी थे। लेकिन जैसे ही धुआं दिखाई दिया, हम लोग भागते हुए मौके पर पहुंचे। तुरंत चारों तरफ से घेरा गया। आग बुझाने में करीब 20 गाड़ियां इस्तेमाल की गईं। चारों तरफ से घेरकर रेस्क्यू किया गया।

आग पर काबू पाने के बाद यह बात  महाकुंभ मेल के चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद शर्मा ने कही। आग लगने के 10 मिनट के अंदर पुलिस के जवान, फायर ब्रिगेड की टीम, NDRF-SDRF के 600 से ज्यादा जवान मौके पर पहुंच गए।

एक घंटे के अंदर पूरी तरह से आग पर काबू पा लिया गया। 180 से ज्यादा कॉटेज जले, लेकिन क्विक रिस्पांस की वजह से कोई कैजुअल्टी नहीं हुई।

गीता प्रेस के कैंप से उठतीं आग की लपटें, जिसे काबू करते फायर ब्रिगेड कर्मी।
गीता प्रेस के कैंप से उठतीं आग की लपटें, जिसे काबू करते फायर ब्रिगेड कर्मी।

1- क्विक रिस्पांस सीएम योगी का दौरा था, इसलिए पहले से ही सभी टीमें अलर्ट मोड पर थीं। जैसे ही मेला क्षेत्र में धुआं उठता दिखा, फायर ब्रिगेड से लेकर NDRF तक की टीम एक्टिव हो गईं। आसपास के लोगों के मुताबिक, 10 मिनट के भीतर ही फायर ब्रिगेड पहुंच गईं। 400 टेंटों को चारों तरफ से घेर लिया गया। पुलिस के जवान इससे पहले ही पहुंच चुके थे, जिन्होंने लोगों को आग से दूर किया।

ADG भानु भास्कर ने कहा- हमें शाम 4 बजकर 8 मिनट पर सूचना मिली कि एक सिलेंडर फटने से सेक्टर- 19 में आग लगी है। 3 मिनट में हमारे उत्तर प्रदेश पुलिस और फायर सर्विस के लोग मौके पर पहुंच गए। स्वयं सेवी संस्थान की भी मदद ली गई। इसके बाद लोगों को निकाल लिया गया। जगह को खाली कराने के बाद आग पर काबू पाया गया।

पुलिसकर्मियों ने तुरंत रास्ता खाली कराकर फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में मदद की।
पुलिसकर्मियों ने तुरंत रास्ता खाली कराकर फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में मदद की।

2- टीम मैनेजमेंट पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, फायर ब्रिगेड, मेला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने एक टीम की तरह काम किया। ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने सबसे पहले आग लगने वाले क्षेत्र के सभी रास्तों को ब्लॉक कर दिया, ताकि फायर ब्रिगेड को पहुंचने में आसानी हो। मौके पर भीड़ न बढ़े, इसलिए 5 थानों की पुलिस ने पूरे एरिया को घेर लिया।

फायर ब्रिगेड की 160 जवानों की टीम आग बुझाने में लगीं। एनडीआरएफ की 7 और एसडीआरएफ की 5 टीम ने लोगों को आग से रेस्क्यू किया।

मौके पर एंबुलेंस पहुंच गईं। एक घायल जसप्रीत सिंह को चोट लगी थी। उसके पैर में फ्रैक्चर था। उसे अस्पताल ले जाया गया। मेला क्षेत्र के अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया।

आम लोगों और श्रद्धालुओं को भी घटनास्थल से दूर भेजा गया।
आम लोगों और श्रद्धालुओं को भी घटनास्थल से दूर भेजा गया।

एनडीआरएफ के डीआईजी एमके शर्मा ने बताया- ये मल्टी एजेंसीज के बीच समन्वय का बहुत अच्छा उदाहरण था। जैसे ही हमको सूचना मिलती है, हमारी टीमें एक्टिव हो जाती हैं। फायर ब्रिगेड के साथ ही हमारी टीमें भी पहुंच जाती हैं। मौके पर देखा गया कि बहुत ज्यादा ज्वलनशील पदार्थ आसपास मौजूद थे। कल्पवासियों की जो झोपड़ियां थीं, एक तरह से ज्वलनशील ही थीं।

आसपास के जो किचन वगैरह थे, वहां सिलेंडर रखे थे। उनको हटाने में हमारी टीमों ने मदद की। रास्ता बनाने में मदद की। जहां पर बल्लियां थीं, कटिंग इक्विपमेंट इस्तेमाल कर हमने रास्ता बनाने का काम किया। सभी फायर ब्रिगेड के दस्तों ने अपना काम बखूबी किया।

कॉटेज के अंदर से लोगों और सामान को बाहर निकाले पुलिस के जवान।
कॉटेज के अंदर से लोगों और सामान को बाहर निकाले पुलिस के जवान।

3- हाईटेक इक्विपमेंट्स महाकुंभ नगरी में फायर ऑपरेशंस के लिए एडवांस्ड फीचर वाले 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर (LWT) तैनात की गई हैं। इनमें वीडियो-थर्मल इमेजिंग जैसा एडवांस सिस्टम है। इसका इस्तेमाल बहुमंजिली और ऊंचाई वाली जगहों की आग बुझाने के लिए किया जाता है। LWT 35 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझा सकती है।

महाकुंभ मेला क्षेत्र को फायर फ्री बनाने के लिए यहां 350 से ज्यादा फायर ब्रिगेड, 2000 से ज्यादा ट्रेंड मैनपावर, 50 अग्निशमन केंद्र और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। अखाड़ों और टेंट में फायर प्रोटेक्शन इक्विपमेंट लगाए गए हैं।

आग वाले एरिया को चारों तरफ से फायर ब्रिगेड से घेरकर पानी डालते कर्मी।
आग वाले एरिया को चारों तरफ से फायर ब्रिगेड से घेरकर पानी डालते कर्मी।

CFO प्रमोद शर्मा ने बताया कि हम लोग मौके पर पहुंचे। तत्काल चारों तरफ से घेरा गया। इसके बाद रेस्क्यू किया गया, क्योंकि कुछ सिलेंडर फटे थे। झोपड़ियों में और भी सिलेंडर थे, इसलिए रेस्क्यू करने में थोड़ी परेशानी हुई। हमने हाईटेक हाईप्रेशर फ्लोटिंग पंप का उपयोग किया। उसने बहुत अच्छा काम किया। एक गड्ढा हमको मिल गया। उसमें हमने अपना फ्लोटिंग पंप फिट किया। इससे हमको लगातार पानी मिलता रहा।

जिस एरिया में आग लगा था, उस तरफ से ट्रैफिक रोककर दूसरी तरफ डायवर्ट कर दिया गया।
जिस एरिया में आग लगा था, उस तरफ से ट्रैफिक रोककर दूसरी तरफ डायवर्ट कर दिया गया।

इन तीन चुनौतियों से ऐसे निपटा गया

1- आग से बचाना: आग तेजी से फैल रही थी। टेंट कपड़े और घास-फूस के बने थे। इसलिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने लोगों को सबसे पहले बाहर निकाला। इसके बाद आसपास के सभी टेंटों को खाली करा लिया।

2- भगदड़ रोकना: आग लगने के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी भगदड़ रोकना। इसलिए पुलिस जवानों ने सबसे पहले आग वाले एरिया के सभी रास्ते ब्लॉक कर दिए। इससे भीड़ जहां-तहां रुक गई।

3- अफवाह: ऐसे बड़े आयोजनों में अफवाह तेजी से फैलती है। इसे रोकने के लिए महाकुंभ मेले के टॉप ऑफिसर्स और प्रयागराज जिले के अफसर आगे आए। घटना के तुरंत बाद मीडिया को बाइट दी और पूरी घटना बताई। लोगों को अफवाह से बचने की सलाह दी।

का रविवार को महाकुंभ में विजिट था, इसलिए सब उसी में बिजी थे। लेकिन जैसे ही धुआं दिखाई दिया, हम लोग भागते हुए मौके पर पहुंचे। तुरंत चारों तरफ से घेरा गया। आग बुझाने में करीब 20 गाड़ियां इस्तेमाल की गईं। चारों तरफ से घेरकर रेस्क्यू किया गया।

 

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