महाकुंभ में फिर भीषण आग, कई टेंट जले:भीड़ को हटाया जा रहा, घटना सेक्टर 18 और 19 की; 28 दिन में चौथी बार आग

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महाकुंभ में शनिवार को फिर आग लगी है। एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर रवाना हुईं। मेले में जबरदस्त भीड़ के चलते गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है। कई टेंट आग में जल गए हैं। फायरकर्मी आग पर काबू पाने में जुटे हैं। भीड़ को मौके से हटाया गया है।

महाकुंभ में 28 दिन में आग की यह चौथी घटना है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-18 में 7 फरवरी को आग लगी थी। हादसा शंकराचार्य मार्ग पर हुआ था, जिसमें 22 पंडाल जल गए। 19 जनवरी को सेक्टर 19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लग थी, हादसे में 180 कॉटेज जल गए। 30 जनवरी को सेक्टर 22 में आग लगी थी, जिसमें 15 टेंट जले थे।

महाकुंभ में चौथी बार लगी आग…

19 जनवरी: सेक्टर 19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लगी थी, हादसे में 180 कॉटेज जल गए।

30 जनवरी: सेक्टर 22 में आग लगी थी, जिसमें 15 टेंट जले थे।

7 फरवरी: सेक्टर-18 में आग लगी थी। हादसा शंकराचार्य मार्ग पर हुआ था, जिसमें 22 पंडाल जल गए।

15 फरवरी: सेक्टर 18-19 में आग लगी। इसे बुझा लिया गया है।

आज-कल संगम स्टेशन बंद, गाड़ियां 10 किमी पहले पार्क हो रहीं

आज और कल दो दिन मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री रोक दी गई है। साथ ही सभी तरह के पास भी रद्द कर दिए हैं। आज और कल दो दिन के लिए संगम रेलवे स्टेशन भी बंद रखा गया है।

बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन भी संगम से 10–12 किमी पहले बनाई गई पार्किंग में रोके जा रहे हैं।

अखिलेश बोले- 60 करोड़ ने महाकुंभ में स्नान किया, सरकार आंकड़ा घटाकर दिखा रही

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- हमारा तो मानना है कि महाकुंभ में लगभग 60 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। सरकार इसलिए आंकड़ा घटाकर दिखा रही है क्योंकि कल को जब इंटरनेशनल मीडिया या यूनिवर्सिटी इस मेले के व्यवस्था के बारे में स्टडी करेगा तो पाएगा कि जितने लोग आए थे, उनके हिसाब से उचित प्रशासन और प्रबंधन नहीं किया गया था। जो भाजपा सरकार की नाकामी है। इसीलिए मेला फेल हो जाने के बाद ये जानबूझकर कम गिनती दिखा रहे हैं।

उन्होंने लिखा- ये मंच से मेले के बारे में चाहे कुछ बोलें लेकिन मन से ये भी जानते हैं कि मेले की असफलता के पीछे उनकी अपनी कमियां-खामियां रही हैं, जिससे देश और दुनिया में यूपी की छवि को बहुत ठेस पहुंची है।

मेले के खराब इंतजाम और बीसों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर होने की वजह से लाखों-करोड़ों बड़े-बुजुर्ग यहां नहीं आ पाए। महंगाई की वजह से गरीब यहां तक नहीं पहुंच पाए। और तो और प्रयागराज के लाखों स्थानीय निवासी भी जाम और मेहमानों की वजह से स्नान नहीं कर पाए। इसलिए हमारी मांग है कि मेले में व्यवस्थाओं को कुछ और दिनों के लिए बढ़ा दिया जाए जिससे जो वृद्ध, गरीब या प्रयागराज के लोग स्नान से वंचित रह गए हैं, तो उनको पुण्य कमाने का अवसर मिल सके।

 

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