कुंभ-2019 कराने वाले दो अफसरों को तत्काल प्रयागराज भेजा:मेले में आने-जाने के रास्ते अलग किए, गाड़ियों की नो एंट्री; हादसे के बाद का हाल

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प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ के बाद आज भीड़ कम है। मेले में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं। गाड़ियों की एंट्री पर रोक है। सुबह 10 बजे से अब तक 92.90 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान कर चुके हैं।

मौनी अमावस्या पर मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात को भगदड़ मच गई थी। हादसे में 35 से 40 मौतें हो गईं। सरकार की ओर से अब तक 30 मौतों की पुष्टि की गई है। वहीं, 60 घायल हुए हैं।

भगदड़ के बाद सरकार ने 2019 में कुंभ में तैनात रहे दो अफसरों- IAS आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज बुलाया है, ताकि व्यवस्थाएं और बेहतर की जा सकें।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में भगदड़ को लेकर जनहित याचिका दायर की गई। इसमें भगदड़ पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस व्यवस्था बनाई जाए।

महाकुंभ का आज 18वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 27.64 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। कल मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर करीब आठ करोड़ लोगों ने स्नान किया था।

 

भगदड़ के बाद मेला प्रशासन अखाड़ा क्षेत्र की ओर जाने वाले पांटून पुल को बंद दिया है। सेक्टर-5 की तरफ पांटून पुल नंबर 13 और 14 को भक्तों के लिए खोला दिया है।

झूंसी से संगम की ओर जाने के लिए पुल नंबर-12 को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। अगर बात करें, संगम क्षेत्र से अरैल की ओर आने-जाने के 2 पुल खोले गए।

नरसिंह दास बाबा ने कहा- हम हिमाचल में रहते हैं। बढ़े ही भाव से आए हैं। गंगा मां पावन हैं। हमें ऊर्जा देती हैं। यहां पर जो असुविधा हुई है। सरकार को कम से कम भक्तों को छोड़ना चाहिए। पांटून पुल बंद कर दिए, जिससे जनता परेशान हो गई। घूम-घूम कर यहीं आ जा रही थी।

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