किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर हमला:आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण पर आरोप, ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के खिलाफ थीं

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महाकुंभ में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ। हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर हमला करने का आरोप लगाया है।

हमला शनिवार रात सेक्टर- 8 स्थित कैंप में किया गया। इसके फुटेज सामने आ गए हैं। हिमांगी सखी ने कहा कि लक्ष्मी नारायण अपने साथ 50-60 लोगों को लेकर आई थीं, जिनके पास त्रिशूल, फरसा जैसे हथियार थे। बता दें कि हिमांगी सखी लगातार ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध कर रही थीं। वहीं, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मारपीट करने के आरोपों को गलत बताया है।

ममता के विरोध में उन्होंने कहा था-

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किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, एक महिला को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया। वो भी तब जब उसके अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं।

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CCTV फुटेज में मेला क्षेत्र के सेक्टर-8 कैंप का दृश्य।
CCTV फुटेज में मेला क्षेत्र के सेक्टर-8 कैंप का दृश्य।
हमले के बाद घायल किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी।
हमले के बाद घायल किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी।

हिमांगी सखी बोलीं- लक्ष्मी नारायण अपने साथ हमलावर लेकर आईं

किन्नर जगदगुरु हिमांगी सखी ने बताया- मैं इस समय सेक्टर-8 में रह रही हूं। कल रात मैं अपने सेवादारों के साथ शिविर में थी। रात करीब 9.50 बजे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अपने साथ पवित्रा, कलावती मां, कौशल्या नंदगिरी उर्फ टीना मां, कलकेश्वरी, आशानाथ के साथ मेरे पास पहुंचीं। ये लोग 10-12 गाड़ियों में 50 अन्य लोगों के साथ लाठी-डंडे, हॉकी, रॉड, तलवार, फरसा, त्रिशूल और असलहे लेकर मेरे शिविर में घुस आए।

मेरी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को पकड़ लिया। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और उनके साथियों ने जान से मारने की नीयत से मुझ पर हमला किया। मुझे लात-घूसों और डंडे से बुरी तरह मारा-पीटा। इससे मैं गंभीर रूप से घायल हो गई। मेरे सेवादार इन लोगों के हाथ-पैर जोड़ते रहे, लेकिन इन लोगों ने किसी की बात नहीं सुनी। ये लोग मेरे पास रखे हुए करीब 10 लाख रुपए और सोने के जेवरात लूट ले गए।

जाते-जाते लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और उनके साथियों ने मुझे भद्दी-2 गालियां और धमकी दी। कहा कि अगर तुम ऐसे ही मीडिया में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ बयानबाजी करती रहोगी, तो हम लोग तुम्हें जान से खत्म कर देंगे। इस घटना की वीडियो रिकार्डिंग सीसीटीवी में मौजूद है।

हमले में घायल हुईं हिमांगी सखी को अस्पताल ले जाते लोग।
हमले में घायल हुईं हिमांगी सखी को अस्पताल ले जाते लोग।

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा- मारपीट करने के आरोप गलत दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि और कल्याणी नंद गिरि का हिमांगी सखी से कुछ अंदरूनी विवाद था। इसके लिए हम सुलह-समझौता के लिए हिमांगी सखी के पास गए थे। मारने-पीटने का आरोप गलत है।

हमले से पहले ही दोबारा अखाड़े से जुड़ी थीं हिमांगी सखी

हमले के दिन शनिवार सुबह ही बगावत करने वाली हिमांगी सखी फिर से किन्नर अखाड़े से जुड़ी थीं। वह आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की मौजूदगी में अखाड़े से फिर से जुड़ी थीं।

महाकुंभ में वह लगातार किन्नर अखाड़े का बगावत कर रही थीं। महाकुंभ के पहले हिमांगी सखी को परी अखाड़े ने जगतगुरु बनाया था। हिमांगी सखी ने 2 दिन पहले किन्नर मुस्कान को महामंडलेश्वर बना दिया, लेकिन बाद में उसे हटा दिया। इस दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि और कल्याणी नंद गिरि भी शामिल रहीं।

यह साल 2019 की तस्वीर है, जब हिमांगी सखी को पशुपति पीठ के महाराज गौरी शंकर ने प्रयागराज कुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी।
यह साल 2019 की तस्वीर है, जब हिमांगी सखी को पशुपति पीठ के महाराज गौरी शंकर ने प्रयागराज कुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी।

…अब पढ़िए कौन हैं हिमांगी मां उर्फ हिमांगी सखी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मूलरूप से मुंबई की रहने वाली हैं। माता-पिता के निधन और बहन की शादी के बाद वे वृंदावन चली गईं। गुरु की शरण में रहकर शास्त्रों का अध्ययन किया। फिर गुरु आज्ञा पर धर्म का प्रचार करने वृंदावन छोड़कर मुंबई चली गईं। मुंबई में उन्होंने फिल्मों में भी अभिनय किया, लेकिन धर्म में ही मन रमा रहा। बाद में सब कुछ छोड़कर हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में जुट गईं।

4 दिसंबर, 2024 को हिमांगी सखी को पहली किन्नर जगदगुरु की उपाधि दी गई थी।
4 दिसंबर, 2024 को हिमांगी सखी को पहली किन्नर जगदगुरु की उपाधि दी गई थी।

पशुपतिनाथ पीठ से मिली महामंडलेश्वर की उपाधि हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली है। यह अखाड़ा नेपाल में है। 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदि शंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने उन्हें पशुपतिनाथ पीठ की महामंडलेश्वर की उपाधि दी। अब तक महामंडलेश्वर हिमांगी सखी बैंकॉक, सिंगापुर, मॉरीशस, मुंबई, पटना आदि जगहों पर 50 से अधिक भागवत कथाएं कर चुकी हैं।

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