आईपीएस बेटा ढाई महीने बाद पहुंचा आश्रम तो लिपटकर रो पड़ी मां

उज्जैन के पास एक आश्रम में रहने को मजबूर हुई मां को ले जाने के लिए जब उसका आईपीएस बेटा ढाई माह बाद आश्रम पहुंचा तो मां लिपट कर रो पड़ी. बेटे की भी आंखें नम हो गईं.

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दिल्ली की एक महिला ढाई महीने से अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम में रह रही थी. उज्जैन से 14 किमी दूर बने इस आश्रम में बुधवार को एक व्यक्ति के मिलने पहुंचने के बाद उसके आंसू रोके नहीं रुक रहे थे. पता चला कि वह उसका बेटा है, जो गुजरात कैडर का आईपीएस अधिकारी है, वह बेटे से लिपटकर रो पड़ी. मां ने जब पूछा- मुझे छोड़कर क्यों चला गया था? तो आईपीएस बेटा कोई जवाब नहीं दे पाया. सिर्फ उसकी आंखें नम हो गईं. बेटे ने फिर इसके बाद जिंदगी भर साथ रहने का वादा दिया.

तीन माह पहले आए थे महाकाल के दर्शन के लिए 

तीन महीने पहले दिल्ली की रहने वाली तारा जोशी अपने बेटे अविनाश जोशी के साथ महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आई थीं. दोनों यहां एक होटल में रुके थे. कुछ दिन के बाद अविनाश ने जरूरी काम बताकर जाने की इजाजत मांगी तो मां तारा जोशी ने जाने की इजाजत दे दी. अविनाश के जाने के बाद तारा जोशी एक सप्ताह होटल में रुकीं. पैसा खत्म होने पर होटल वाले ने कलेक्टर शशांक मिश्र को इसकी सूचना दी. कलेक्टर ने उन्हें वन स्टॉप सेंटर भिजवा दिया. वहां से सेवाधाम आश्रम के संस्थापक सुधीरभाई गोयल को इसकी जानकारी मिली. जिला प्रशासन के माध्यम से वे तारादेवी को अपने आश्रम में ले आए.

गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं अविनाश जोशी 

आश्रम से जुड़े लोगों ने जब मोबाइल नंबर लेकर अविनाश से संपर्क किया तो उन्होंने काम को लेकर अपनी मजबूरी बताते हुए कुछ महीने आने से असमर्थता जता दी. आखिर ढाई महीने बाद अविनाश पहुंचे और मां को साथ ले गए. तारादेवी से पता चला कि अविनाश की शादी नहीं हुई है, वह सस्पेंड हो गए थे, इस वजह से परेशान थे.अविनाश जोशी गुजरात कैडर के 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि वे मां से बहुत प्यार करते हैं लेकिन कुछ व्यक्तिगत मजबूरियों के चलते मां को यहां छोड़ना पड़ा.

मोबाइल नंबर खोजा, लगातार बात की, तब आया अविनाश : सुधीर भाई, कांता देवी और बाल कल्याण समिति झाबुआ के यशवंत भंडारी ने तारादेवी के बेटे का पता और मोबाइल नंबर खोजा। उससे संपर्क किया तो उन्होंने काम को लेकर आ रही मजबूरियां बताकर कुछ महीने आने से समर्थता जताई। इसके बाद सुधीर भाई उनसे लगातार संपर्क में रहे। आखिरकार ढाई महीने बाद बेटा आया और मां को साथ ले गया।

नहीं हुई बेटे की शादी : तारादेवी ने बताया बेटे की शादी नहीं हुई है। वह निलंबित हो गया था, इसलिए परेशान था, क्या परेशानी थी- ये नहीं बता रहा। मैंने संगीत में बीए किया है। अब खुद का एलबम बनाऊंगी। वे फ्री-लांसर पत्रकार थीं।

बेटे ने कहा- जिंदगी में सब अपने हाथ में नहीं होता: अविनाश जोशी ने बताया वे गुजरात कैडर के 2004 के आईपीएस अफसर हैं। मां ने बहुत अच्छी परवरिश की। जिंदगी में सब अपने हाथ में नहीं होता। मां से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन कुछ व्यक्तिगत मजबूरियों के चलते यहां छोड़ना पड़ा।

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