जालंधर/चंडीगढ़. कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं। धारा 144 का लोगों ने पालन नहीं किया तो राज्य सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया है। कर्फ्यू लगने के बाद मंगलवार को लाेग अपने घरों में ही रहे। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। रविवार को जनता कर्फ्यू की सफलता के बाद सोमवार को लॉकडाउन फेल हो गया था।
पंजाब में कोरोनावायरस के कारण बीते दिनों एक की मौत हो चुकी है, वहीं 27 मामले अभी भी पॉजिटिव हैं। मंगलवार को जालंधर में 3 लोगों की तो मोहाली में 80 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।चंडीगढ़ में भी 42 संदिग्ध लोगों में से 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। मंगलवार को एक बच्चे समेत पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सोमवार को सूबे में कोरोना के 3 नए मरीज पॉजिटिव मिले।
कोरोना से मरने वाले बुजुर्ग के पोते की रिपोर्ट पॉजिटिव
नवांशहर में कोरोना से मरने वाले बुजुर्ग के पोते की रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई है, वहीं मृतक के संपर्क में रहने के चलते आइसोलेट कराए गए जालंधर के भी 3 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा मोहाली में 80 साल की एक महिला को भी कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद अभी तक पंजाब में इस खतरनाक बीमारी से बीते दिनों एक की मौत हो चुकी है, वहीं 27 मामले अभी भी पॉजिटिव हैं। मंगलवार को जालंधर में 3 लोगों की तो मोहाली में 80 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। चंडीगढ़ में भी 42 संदिग्ध लोगों में से 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।
सबसे ज्यादा संक्रमित नवांशहर में
सूबे में नवांशहर में 15, मोहाली में 6, होशियारपुर में 3, जालंधर में 3 व अमृतसर में 1 केस सामने आ चुका है। मौजूदा स्थिति यह है कि सबसे ज्यादा नवांशहर में 15 पॉजिटिव केस हैं, इनमें मंगलवार को मृतक बुजुर्ग के पोते की भी रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई है,वहीं दूसरे नंबर पर मोहाली में 6 केस पॉजिटिव हैं।
सरकार की चिंता बढ़ी
पंजाब में कोरोनावायरस का खतरा और बढ़ सकता है, क्योंकि मार्च में ही 90 हजार से ज्यादा एनआरआई आने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि ज्यादातर ने स्क्रीनिंग नहीं करवाई है। कोरोना प्रभावित देशों से भारत लौटे 1331 एनआरआई लोगों की लिस्ट में 80% से ज्यादा पंजाब से संबंधित हैं। कैप्टन सरकार ने आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड के लिए केंद्र से 150 करोड़ की मदद मांगी है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को एक पत्र भी लिखा है।
20 करोड़ मंजूर
कैप्टन ने जरूरतमंदों को खाने, रहने और दवाएं मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। पंजाब के सभी मंत्री, विधायक और शिअद नेता भी अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।