70 रुपए की बोलट नंबर-1 ने ली 13 की जान:आजमगढ़ के पीड़ित बोले- 3 दिन से केरोसिन जैसी लग रही थी शराब; रैपर भी बदला था, 41 लोग हॉस्पिटल में भर्ती

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आजमगढ़ में जहरीली शराब से यूं ही 13 लोगों की मौत नहीं हुई है। यहां माहुल कस्बा स्थित सरकारी ठेके से 3 दिन से जहरीली शराब बिक रही थी। लेकिन, चुनावी मौसम होने के बाद भी आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।

आजमगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती माहुल और उसके आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि हम सभी रोजाना काम-धंधे से खाली होने के बाद 70 रुपए की ‘बोलट नंबर 1’ देसी शराब खरीद कर पीते थे। ठेके के सेल्समैन से ग्रामीण शनिवार से कह रहे थे कि शराब का स्वाद बहुत अजीब लग रहा है और यह केरोसिन जैसी बदबू दे रही है। लेकिन, सेल्समैन ग्रामीणों से यही कहता था कि पी लो कुछ नहीं होगा। इस बार यही माल आया है। अब तक हम लोग लाल रैपर वाली ‘बोलट नंबर 1’ पीते थे।

यही वह देसी शराब है जिसे पीने से 13 लोगों की जान चली गई और 41 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
यही वह देसी शराब है जिसे पीने से 13 लोगों की जान चली गई और 41 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

पहली बार नीले रैपर वाली बोलट नंबर-1 पीए और वह मिलावटी होने के कारण मामला गड़बड़ हो गया। सेल्समैन की बातों में आकर ग्रामीणों ने शराब पी और 13 लोगों की जान चली गई, जबकि 41 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

दूर हैं दूसरे ठेके, इसलिए यहां से लिए
जिला अस्पताल में भर्ती ठेला चालक पंचम ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि माहुल कस्बा स्थित ठेके से माहुल, फत्तेपुर, रसूलपुर, मोतीपैर, दक्खिनगांवा और टिकुरिया सहित आसपास के अन्य गांवों के लोग शराब खरीद कर पीते हैं। दूसरे जो ठेके हैं वह माहुल से लगभग 6 से 7 किलोमीटर दूर हैं। इसी वजह से हम सभी माहुल से ही शराब खरीदते हैं। हम लोगों ने सेल्समैन से कहा था कि स्वाद ठीक नहीं लग रहा है।

माहुल केवटाना के दलसिंगार ने बताया कि वह रोज देसी शराब पीते हैं। रविवार रात शराब पीने के बाद ऐसा लगा कि अब हमारा शरीर हमारे वश में नहीं है।
माहुल केवटाना के दलसिंगार ने बताया कि वह रोज देसी शराब पीते हैं। रविवार रात शराब पीने के बाद ऐसा लगा कि अब हमारा शरीर हमारे वश में नहीं है।

शराब हलक से नीचे नहीं उतर पा रही है। इस पर सेल्समैन का कहना था कि मुफ्त में तो दे नहीं रहे हैं। मजा नहीं आ रहा है तो जाओ और कहीं पैसा देकर खरीद लो। अब दूर कौन जाए, बस इसी चक्कर में सब गड़बड़ हुई है।

दोषियों की संपत्ति कुर्क होगी
जहरीली शराब से मौत मामले में जिला प्रशासन ने भले ही अभी तक पांच मौतों की पुष्टि की है, लेकिन यह आंकड़ा 13 तक पहुंच चुका है। मामले में डीएम अमृत त्रिपाठी और एसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना में शामिल पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। अधिकारियों का कहना है कि घटना में जो भी लोग शामिल होंगे उनके खिलाफ एनएसए व कुर्की के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जहरीली शराब के मामले में चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस और आबकारी टीम की संयुक्त छापेमारी में जिस ठेके की शराब पीकर मौत की बात आई है, उस ठेके से 145 पेटी देशी शराब भी बरामद की गई। अभी तक पांच लोगों के मरने की पुष्टि की गई है।

ठेके का पूर्व सांसद को संरक्षण
जहरीली शराब जिस ठेके से आई वह ठेका पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव के रिश्तेदार रंगेश यादव का है। हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि यह ठेका रमाकांत यादव का ही है। गांव वालों का कहना है कि पूर्व सांसद के संरक्षण में यह काला कारोबार चल रहा है।

सपा प्रत्याशी रमाकांत यादव के रिश्तेदार रंगेश यादव के माहुल कस्बा स्थित इसी सरकारी देसी शराब के ठेके से लोगों ने शराब खरीद कर पी थी।
सपा प्रत्याशी रमाकांत यादव के रिश्तेदार रंगेश यादव के माहुल कस्बा स्थित इसी सरकारी देसी शराब के ठेके से लोगों ने शराब खरीद कर पी थी।

उल्टी-दर्द के साथ कम दिखाई दिया
रसूलपुर के नंदलाल ने कहा कि शराब तो रोज ही पीते हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। रविवार की रात माहुल ठेका से लेकर शराब पी थी। भोर से ही उल्टी के साथ बदन दर्द शुरू हुआ। फिर ऐसा लगा कि जैसे दिखाई कम दे रहा है। अस्पताल में आए ज्यादातर लोग इसी तरह की समस्या से परेशान दिखे। दवा दी गई और बोतल वगैरह चढ़ी तो अब लग रहा है कि ठीक हो जाएंगे।

माहुल के सुनील ने कहा कि रविवार को शराब पीने के बाद हम सोए तो भोर में शरीर में बहुत तेज दर्द के साथ ही बुखार आया। ऐसा लग रहा था कि हमारा सिर फट जाएगा। हम रोजाना माहुल से ही खरीद कर शराब पीते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ।

देसी शराब क्यों हो जाती है जहरीली

BHU IMS के वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि सामान्य तौर पर देसी शराब को शीरा, गन्ने के रस, महुए का फूल, चावल, आलू, मकई या जौ जैसे स्टार्च वाली चीज का फर्मेंटेशन करके तैयार किया जाता है। यूरिया और बेसरमबेल की पत्तियां डाल कर इसे और नशीला बनाया जाता है।

यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिकल मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोहल बन जाता है। मिथाइल एल्कोहल को केमिकल रिएक्शन​​​​​ फॉर्मेल्डाइड जहर में बदल जाता है। इसके बाद सबसे पहले यह आंखों को प्रभावित करता है। इसी बीच शरीर में फॉर्मिक एसिड बनने से दिमाग के काम करने में बाधा पैदा होती है और फिर मौत हो जाती है.

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तीन चरण खत्म होने के बाद जहरीली शराब से लोगों की मौत के कारण सोमवार को पूर्वांचल का आजमगढ़ जिला देशभर में सुर्खियों में आ गया है। नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 से ज्यादा लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, यह पहला ऐसा मौका नहीं है, जब आजमगढ़ में जहरीली शराब से लोगों ने जान गंवाई है। इससे पहले भी आजमगढ़ जहरीली शराब से आमजन की मौत के लिए पूर्वांचल, प्रदेश और देश में कुख्यात रहा है।

इसी अवैध जहरीली शराब की वजह से हुईं हैं मौतें।
इसी अवैध जहरीली शराब की वजह से हुईं हैं मौतें।

जानकारों का कहना है कि आजमगढ़ में संभावना देखकर ही अंबेडकर नगर, देवरिया, मऊ और बलिया के साथ ही पूर्वांचल के अन्य जिलों से अवैध शराब लाकर यहां खपाई जाती है। इसी वजह से बीते 20 साल में 100 से ज्यादा लोग आजमगढ़ जिले में जहरीली शराब के कारण जान गंवा चुके हैं और कई लोगों के आंखों की रोशनी जा चुकी है। आइए, बताते हैं कि यहां जहरीली शराब से हाल के दो दशकों में कब-क्या हुआ…?

2002 से अब तक 100 से ज्यादा की मौत

आजमगढ़ जिले के पुलिस सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2002 में इरनी में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। वर्ष 2013 में मुबारकपुर क्षेत्र में 53 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी। मुबारकपुर के अतरडीहा, आदमपुर, ओझौली, अमिलो, डीह, चकिया, प्यारेपुर, सईदनगर सहित आसपास के कई गांवों के लोग इसकी चपेट में आए थे। कई जगहों पर खेतों में छिपाकर जहरीली शराब रखी गई थी। इस मामले में 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

आजमगढ़ में कई जगहों पर अवैध शराब बनती है।
आजमगढ़ में कई जगहों पर अवैध शराब बनती है।

वर्ष 2017 में देवारा क्षेत्र में जहरीली शराब से जीयनपुर कोतवाली और रौनापार थाना क्षेत्र में 36 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, वर्ष 2021 में जहरीली शराब के कारण अंबेडकर नगर और आजमगढ़ में 22 लोगों की मौत हो गई थी। यह स्थिति तब थी जब कोरोना महामारी फैली हुई थी।

कम पैसे में ज्यादा नशा पड़ता है भारी

जानकार बताते हैं कि कम पैसे में ज्यादा नशा का चक्कर जिंदगी पर भारी पड़ता है। खासतौर पर रोजाना कमाने-खाने वाले वर्ग को लगता है कि सस्ती शराब उनकी थकान को दूर कर देती है। अवैध शराब चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है। इसी वजह से ग्रामीण इलाकों में इसकी खपत ज्यादा होती है।

आजमगढ़ में कई जगहों पर अवैध शराब बनती है।

एसपी अनुराग आर्य बोले- दोषियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एसपी अनुराग आर्य बोले- दोषियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।

उधर, आजमगढ़ के एसपी अनुराग आर्य ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री के नेटवर्क के नेक्सस को हम हर हाल में ध्वस्त करेंगे। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण में जिस किसी की भी संलिप्तता मिलेगी वह बच नहीं पाएगा। इसके साथ ही देर रात तक घटनास्थल पर एसपी अनुराग आर्य और जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी डटे रहे।

आजमगढ़ के माहुल में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिला प्रशासन ने भले ही अभी तक पांच मौतों की पुष्टि की है, लेकिन यह आंकड़ा 13 तक पहुंच चुका है। डीएम अमृत त्रिपाठी और एसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। इस मामले में पुलिस ने रमाकांत यादव के भांजे रंगेश यादव, सूर्यभान, पुनीत कुमार यादव, रामभोज व अशोक यादव हैं।

ठेके का पूर्व सांसद को संरक्षण

जहरीली शराब जिस ठेके से आई वह ठेका पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव के भांजे रंगेश यादव का है। हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि यह ठेका रमाकांत यादव का ही है। गांव वालों का कहना है कि पूर्व सांसद के संरक्षण में यह काला कारोबार चल रहा है।

एसपी अनुराग आर्य।
एसपी अनुराग आर्य।

एसपी ने बताया कि जहरीली शराब के मामले में चार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस और आबकारी टीम की संयुक्त छापेमारी में जिस ठेके की शराब पीकर मौत की बात आई है, उस ठेके से 145 पेटी देसी शराब भी बरामद की गई। अस्पताल में अभी 41 मरीजों का इलाज चल रहा है। 6 मरीजों की डायलिसिस चल रही है। पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

आरोपियों की संपत्ति होगी कुर्क

एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। जिस ठेके की शराब पीकर मौतें हुई हैं। इस ठेके से चोरी-छिपे शराब बेचने की सूचना मिली है। यह पैसा कहां जमा किया जाता था और इससे किसे लाभ मिलता था। इसकी पड़ताल की जा रही है। जो भी लोग इस कारोबार में शामिल हैं और सपोर्ट करते हैं, उनकी जांच कराई जा रही है। घटना में जो भी लोग शामिल होंगे उनके खिलाफ एनएसए और कुर्की के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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