हत्यारे का समर्थन कर रहे भाजपा विधायक:बलिया गोलीकांड पर विधायक सुरेंद्र सिंह बोले- कोई किसी के पिता, मां, भाभी और बहू को मारेगा तो क्रिया की प्रतिक्रिया होगी
उत्तर प्रदेश के बलिया में एसडीएम और सीओ के सामने गोली मारकर युवक की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह पुलिस की पकड़ से बाहर है। आरोपी भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी है। वारदात को लेकर अब विधायक सुरेंद्र सिंह का विवादास्पद बयान सामने आया है। विधायक ने कहा कि आप लोग जिसे आरोपी बता रहे हैं, उसके पिता को उन्होंने (पीड़ित पक्ष ने) डंडे से मारा था। किसी के पिता, किसी की मां, किसी की भाभी और किसी की बहू को कोई मारेगा तो क्रिया की प्रतिक्रिया होगी ही। धीरेंद्र ने आत्मरक्षा में गोली चलाई है।
मुख्य आरोपी का भाई गिरफ्तार, पुलिस ने घर की गाड़ी तोड़ी
गुरुवार रात पुलिस ने धीरेंद्र के घर पर छापा मारा, लेकिन कोई नहीं मिला। आरोपी के घर के बाहर खड़ी गाड़ी तोड़ दी गई। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई गई है। डीआईजी आजमगढ़ गांव में कैंप कर रहे हैं। डीएम श्रीहरि प्रताप ने बताया कि एफआईआर में नामजद मुख्य आरोपी का भाई गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक पांच गिरफ्तार हुए हैं। धीरेंद्र सिंह ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से हत्या की है। सभी आरोपियों का लाइसेंस रद्द किया गया जाएगा। उधर, गांव में पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग को लेकर गांव के लोग धरने पर बैठ गए हैं।
मृतक का भाई बोला- विधायक सुरेंद्र पर था धीरेंद्र का हाथ
मृतक जयप्रकाश पाल के भाई तेज बिहारी पाल ने बताया कि कोटे की दुकान को लेकर दो प्रत्याशी लड़ रहे थे। प्रशासन चुनाव निष्पक्ष कराना चाह रहा था। इसी बीच हार देखकर धीरेंद्र प्रताप के गुट ने पथराव और फायरिंग शुरू कर दिया। आरोपी धीरेंद्र आर्मी से रिटायर्ड है। विधायक के साथ रहता है। उन्होंने उसे (धीरेंद्र को) मनबढ़ कर दिया है।
‘मौके पर दस सिपाही और दो महिला सिपाही थीं। पुलिस उन्हें बचा रही थी, हमें पीट रही थी। गोली लगने के बाद जब मेरा भाई गिर गया तो पुलिस ने उसे घेर पकड़ा, लेकिन आगे ले जाकर फरार कर दिया।’ डीआईजी सुभाष दुबे ने बताया कि आरोपी मौके से भागा, यह पुलिस की लापरवाही है।
गांव में पुलिस फोर्स तैनात, बिहार में भी आरोपी की तलाश
तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स तैनात है। पोस्टमॉर्टम हाउस से शव को गांव लाया जा रहा है। आगे पीछे पुलिस के कई वाहनों ने एस्कॉर्ट किया। पुलिस की टीमें बिहार के कई जिलों में दबिश दे रही हैं। उन पुलिस वालों की भूमिका की जांच चल रही है, जिन्होंने उसे भगाने में सहयोग किया है।
मायावती का ट्वीट
यू.पी. में बलिया की हुई घटना अति-चिन्ताजनक तथा अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आयेदिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहाँ कानून-व्यवस्था काफी दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बेेहतर होगा। बी.एस.पी. की यह सलाह।
— Mayawati (@Mayawati) October 16, 2020
अखिलेश यादव का ट्वीट
बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के, एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम, एक युवक की हत्या कर फ़रार हो जाने से उप्र में क़ानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है.
अब देखें क्या एनकाउंटरवाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं. #नहीं_चाहिए_भाजपा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 16, 2020
यह है पूरा मामला
गुरुवार को दुर्जनपुर व हनुमानगंज में सरकारी कोटे की दो दुकानों के लिए पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई थी। एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिये 4 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया था।
दुर्जनपुर की दुकान के लिए दो समूहों के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि वोटिंग वही करेगा, जिसके पास आधार या कोई दूसरा पहचान पत्र होगा। एक पक्ष के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं था। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। तभी जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को धीरेंद्र ने ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दीं।