वहीं, पत्रकारों के साथ दिवाली मिलन कार्यक्रम में मीडिया समूह के मेडिकल चेकअप को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गंभीर दिखे। उन्होंने कहा, ”मैं अनुभव कर रहा हूं कि हमने हाल ही में छोटी आयु के कुछ पत्रकारों को खोया है। 40 के बाद मेडिकल चेकअप होना चाहिए। हम और मीडिया के साथी मिलकर अगर इस दिशा में कुछ बना सके तो अच्छा रहेगा।”
दरअसल, युवाओं में हार्ट अटैक और कोरोना महामारी के बीच अक्सर संबंध जोड़ा जाता है। अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की स्टडी में भी यह बात सामने आई है कि कोरोना ने दिल को कमजोर करने का काम किया है। यह असर कुछ सालों तक रहेगा।
पिछले कुछ समय में यूपी में कई युवाओं के भी जिम में या डीजे फ्लोर पर हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट से जान गंवाने की खबरें सामने आई हैं। इस पर हमने SGPGI लखनऊ की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रूपाली खन्ना से इसकी वजह समझने की कोशिश की और यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से जाना कि प्रदेश सरकार इसके लिए कितनी तैयार है?
- पहले पांच महीनों में यूपी में अचानक हार्ट अटैक आने की ये 6 प्रमुख घटनाएं देख लेते हैं
1- गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की हार्ट अटैक से मौत
2- 23 अक्टूबर को अंबेडकरनगर में दुर्गा पूजा के पंडाल में नाचते हुए 32 साल के युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
3- 16 सितंबर को गाजियाबाद में 20 साल के युवक को ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए दिल का दौरा पड़ा और उसने वहीं पर दम तोड़ दिया।
4- 26 अगस्त को लखीमपुर खीरी में गदर-2 देखने गए 35 वर्षीय युवक की मॉल में पहुंचते ही हार्ट अटैक से जान चली गई।
5- 13 जुलाई को डांस करते हुए 45 साल के शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
6- 16 जून को शाहजहांपुर के 24 साल के युवक की नाचते समय हार्ट अटैक आने से मौत हो गई।
हार्ट अटैक के लक्षणों को गैस की प्रॉब्लम समझते हैं युवा
कम उम्र के युवाओं को अचानक पड़ते दिल के दौरे को लेकर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रूपाली खन्ना कहती हैं कि कोरोना महामारी, खराब लाइफस्टाइल और जेनेटिक वजहों से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं। इसके शुरुआती लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। अगर किसी को सीने में भारीपन महसूस हो और फिर यह, कंधे, पीठ से होते हुए जबड़े तक जाए। साथ में पसीना भी आए तो कई बार युवा सोचते हैं कि यह गैस की प्रॉब्लम है। इन लक्षणों को इग्नोर न करें। अगर किसी का ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है या स्मोकिंग करते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
हार्ट को ठीक रखने के लिए अटैक के पहले घंटे में अस्पताल पहुंचना जरूरी
- हार्ट अटैक में दिल की मसल्स में खून की सप्लाई बंद हो जाती है।
- उन मसल्स को बचाने के लिए हार्ट अटैक का पहला घंटा सबसे जरूरी होता है।
- इतने टाइम में अस्पताल पहुंचकर ECG करा लिया जाए तो हार्ट अटैक की पुष्टि होते ही दवा शुरू की जा सकती है।
- एक घंटे में ब्लॉकेज को खोलने पर दिल में खून की सप्लाई शुरू हो जानी चाहिए।
- ऐसा होने पर दिल की मसल्स रिकवर हो जाती हैं और दिल पहले जैसे पूरी तरह से काम करने लगता है।
- अगर अटैक के 12 घंटे के अंदर भी मरीज अस्पताल पहुंच जाए तो उसके दिल की काफी मसल्स को बचाया जा सकता है।
- हमेशा याद रखें, हार्ट अटैक के लिए कहा जाता है कि ‘टाइम इज मसल’ यानी अगर समय बर्बाद हुआ तो हार्ट की मसल्स का कमजोर होना तय है।