हाथरस केस:सीबीआई की टीम अलीगढ़ जेल पहुंची; जिस खेत में वारदात हुई उसके मालिक ने सरकार से 50 हजार मुआवजा मांगा
खेत मालिक ने कहा- घटना के बाद पुलिस ने न तो पानी लगाने दिया, न फसल काटने दी
हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप के मामले में आरोपियों से पूछताछ करने सीबीआई की 5-5 सदस्यों की दो टीमें अलीगढ़ पहुंचीं। एक टीम जेएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से और दूसरी टीम जिला जेल में आरोपियों से पूछताछ कर रही है।उधर, 14 सितंबर को जिस बाजरे के खेत में यह वारदात हुई थी, उसके मालिक ने योगी सरकार से 50 हजार रुपए का मुआवजा मांगा है। खेत मालिक का कहना है कि इस घटना के बाद उसकी बाजरे की फसल में पुलिस ने पानी नहीं लगाने दिया।
14 सितंबर को वारदात के बाद हाथरस में प्राथमिक इलाज के बाद लड़की को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। यहां 28 सितंबर तक उसका इलाज किया गया। यहीं से उसे दिल्ली रेफर किया गया। अगले दिन 29 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
किसान ने कहा कि पुलिस काफी दिन तक सबूत होने की बात कहती रही, जिससे फसल की सिंचाई नहीं हो पाई। अब सीबीआई ने कहा है कि फसल काट सकते हो, लेकिन फसल टूट गई है। कम से कम 50 हजार का नुकसान हुआ है, लिहाजा मुआवजा दिया जाए।
लॉकडाउन में जयपुर से लौटा किसान
खेत मालिक सोम सिंह ने बताया कि वह जयपुर में नौकरी करता है, लेकिन कोरोना की वजह से गांव लौट आया था। 9 बीघे के खेत में बाजरा लगाया था। घटना के बाद पुलिस ने सबूत जुटाने की बात कहकर मेरी मां को पानी लगाने से मना कर दिया। कहा गया कि यदि फसल की सिंचाई की गई तो सबूत खत्म हो जाएंगे। इसलिए समय पर सिंचाई नहीं हो सकी, जिससे फसल में दाना नहीं बना। हमारी 6 महीने की फसल है, लेकिन इस घटना के बाद मेहनत बेकार हो गई। हम खेती और पशुओं के भरोसे ही जीवनयापन रहते हैं। ऐसे में हमें नुकसान हुआ है। हमारी सरकार मदद करे।
खेत मालिक का भाई घटना का चश्मदीद
सोम सिंह का छोटा भाई विक्रम उर्फ छोटू 14 सितंबर को हुई घटना का चश्मदीद भी है। उससे सीबीआई अब तक दो बार पूछताछ कर चुकी है। उसने सीबीआई टीम को बताया कि जिस खेत में लड़की मिली थी, वह उसका ही है। उसका कहना था कि घटना वाले दिन वह खेत में चारा काट रहा था, तभी चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंचा तो लड़की खेत में पड़ी थी। उसका भाई और मां खड़े हुए थे।
पीड़ित के परिजन को 25 लाख रुपए मुआवजा
एससी/एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज होने पर पीड़ित के परिवार को पहली किस्त में 4 लाख 12 हजार 500 रुपए दिए गए। इसके बाद दूसरी किस्त में 5 लाख 87 हजार 500 रुपए दिए गए। बाद में सरकार की तरफ से भी 15 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया गया था। परिवार के एक सदस्य को नौकरी और हाथरस में घर का आश्वासन दिया था।
यह है पूरा मामला
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिजन ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। चारों आरोपी जेल में हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।