लखनऊ में गैंगवार:मुख्तार अंसारी के करीबी की गोली मारकर हत्या, आजमगढ़ के एक बाहुबली पर हत्या कराने का शक
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में बुधवार रात करीब 9 बजे दो बाहुबली गुटों के बीच गैंगवार हुआ। इस दौरान मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह उर्फ लंगड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अजीत सिंह को बाहुबली मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जा रहा है। मृतक अजीत सिंह मऊ के मोहम्मदाबाद गोहाना के ब्लॉक प्रमुख रहे हैं।
वारदात के दौरान अजीत सिंह का साथी मोहर सिंह और फूड सप्लाई कंपनी का एक कर्मचारी प्रकाश घायल हो गया। दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। इन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
करीब 25-30 राउंड फायरिंग हुई
चश्मदीद लोगों के मुताबिक, दोनों गुटों के बीच करीब 25-30 राउंड फायरिंग हुई। इस दौरान गोली लगने से अजीत सिंह की मौत हो गई। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस को शक है कि आजमगढ़ के एक बाहुबली के इशारे पर इस वारदात को अंजाम दिया गया है।
हत्यारे पैदल आए थे, गाड़ी से फरार हुए
जानकारी के मुताबिक, तीन बदमाश कठौता झील पर पैदल आए थे। जैसे ही पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह गाड़ी से वहां पहुंचे, बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू दी। इसके बाद तीनों बदमाश कार में बैठकर फरार हो गए। बताया जा रहा कि बचाव में अजीत सिंह की तरफ से भी फायरिंग की गई थी। मौके से पुलिस को कारतूस के 8 खोल मिले हैं। आसपास लगे CCTV फुटेज से हत्यारों की तलाश की जा रही है।
अजीत सिंह को 7 दिन पहले जिलाबदर किया गया था
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया, ‘अजीत सिंह के खिलाफ 5 हत्याओं समेत 18 मुकदमे दर्ज हैं। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर 30 दिसंबर 2020 को उसे जिला बदर किया गया था। घटना के वक्त अजीत के साथ मौजूद रहे लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि गोली मारने वाले अजीत के परिचित ही हैं। कुल 25-30 राउंड फायरिंग हुई है। ऐसा मौके पर मिले खोल से अनुमान लगाया गया है। प्रतिबंधित बोर से गोलियां चलाई गई हैं।’
सिंपू सिंह हत्याकांड में गवाह थे अजीत
गैंगवार में मारे गए अजीत सिंह आजमगढ़ के विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिंपू सिंह की हत्या में मुख्य गवाह थे। सिंपू सिंह की 19 जुलाई 2013 को हत्या हुई थी।