राहुल-प्रियंका हाथरस नहीं जा पाए : राहुल गांधी समेत 203 लोगों के खिलाफ FIR; पुलिस से धक्का-मुक्की में नीचे गिरे, गुस्से में बोले- देश में सिर्फ मोदी पैदल चल सकता है

राहुल और प्रियंका कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दोपहर 1.30 बजे दिल्ली से एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे। यहीं, उनके काफिले को पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद वे पैदल ही आगे बढ़ने लगे। इस बीच पुलिस उन्हें समझाती रही। कुछ दूर चलने के बाद पुलिस ने फिर रोक दिया। पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल के हाथ में चोट लगी है।

कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने के लिए हाथरस नहीं जा सके। उत्तरप्रदेश ने उन्हें ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही रोक दिया। जब वे नहीं माने तो दोपहर करीब 2.30 बजे उन्हें इकोटेक-1 थाना इलाके में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों को अपनी गाड़ी में बैठाकर जेवर के पास स्थित फॉर्मूला-1 गेस्ट हाउस ले गई। इसके बाद दोनों को शाम 6:30 बजे छोड़ा। इसके साथ वे दिल्ली लौट गए।

राहुल और प्रियंका कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दोपहर 1.30 बजे दिल्ली से एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे। यहीं, उनके काफिले को पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद वे पैदल ही आगे बढ़ने लगे। इस बीच पुलिस उन्हें समझाती रही। कुछ दूर चलने के बाद पुलिस ने फिर रोक दिया। पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल के हाथ में चोट लगी है।

इस बीच, उत्तरप्रदेश पुलिस का कहना है कि अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़ित के शरीर पर जख्मों की बात है, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।

राहुल समेत 203 लोगों के खिलाफ एफआईआर
गौतमबुद्धनगर जिले के इकोटेक 1 थाना पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया है। पुलिस का आरोप है कि दोनों नेताओं ने डीएनडी के रास्ते काफिले के साथ नोएडा में प्रवेश किया। इन्होंने धारा-144 और कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन किया।

राहुल जमीन पर गिर गए।
राहुल जमीन पर गिर गए।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ
एक पुलिस अफसर ने कहा कि राहुल-प्रियंका से वापस लौटने को कहा जाएगा, नहीं मानेंगे तो कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, दोनों नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक्सप्रेस-वे पर हंगामा किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठे रहे।

राहुल को प्रियंका ने संभाला।
राहुल को प्रियंका ने संभाला।

राहुल ने मोदी पर निशाना साधा
राहुल ने कहा, “पुलिस ने मुझे धक्का दिया, लाठी चार्ज किया, मुझे जमीन पर गिराया। हमारी गाड़ियां रोकी गई थीं, इसलिए हमने पैदल चलना शुरू किया। आज के हिंदुस्तान में सिर्फ मोदी पैदल जा सकता है, मोदी हवाई जहाज में उड़ सकता है।

पुलिस ने राहुल को धारा-144 का हवाला देकर रोका, तो राहुल बोले कि ठीक है, मैं अकेला ही हाथरस जाऊंगा। फिर भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने लगी तो राहुल ने पूछा कि किस धारा में आप यह कार्रवाई कर रहे हैं, जनता और मीडिया को बताइए? पुलिस ने कहा कि आपने धारा-188 का वॉयलेशन किया है।

धारा-188 क्या है?
1897 के महामारी कानून के सेक्शन 3 में जिक्र है कि अगर कोई कानून के निर्देशों और नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा-188 के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। उसे सजा भी दी जा सकती है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी के निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी यह धारा लगाई जा सकती है।

4 साल पहले राहुल-प्रियंका को नोएडा जाने से रोका गया था
2016 में भी राहुल और प्रियंका गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मुलाकात करने के लिए नोएडा पहुंचे थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने उन्हें रोक दिया था। इसके बाद दोनों को दिल्ली लौटना पड़ा था।

यूपी में राहुल-प्रियंका दूसरी बार गिरफ्तार
इससे पहले राहुल को नोएडा के भट्टा पारसौल में 2011 (मायावती सरकार) में गिरफ्तार किया गया था। यहां राहुल भूमि अधिग्रहण आंदोलन में किसानों से मिलने पहुंचे थे। प्रियंका 2019 में सोनभद्र में गिरफ्तार हुई थीं। यहां वे जमीन विवाद में मारे गए 10 लोगों के परिवार से मिलने पहुंची थीं।

प्रियंका का सवाल- क्या पीड़ित परिवार को धमकाकर चुप कराना चाहती है सरकार?
प्रियंका ने हाथरस के लिए रवाना होने से पहले ट्वीट कर कहा था कि गैंगरेप की शिकार लड़की के पिता को जबरदस्ती ले जाया गया। सीएम से वीसी के नाम पर बस दबाव डाला गया। वे जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। अभी पूरे परिवार को नजरबंद रखा है। बात करने पर मना है। क्या धमकाकर उन्हें चुप कराना चाहती है सरकार?

गैंगरेप पीड़ित के गांव में किसी को एंट्री नहीं

SIT की टीम ने गुरुवार को पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए।
SIT की टीम ने गुरुवार को पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए।

पुलिस ने कहा- दो वीडियो सामने आए, इनमें दुष्कर्म की बात नहीं कही गई और ना पीड़ित की जीभ कटी थी
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने हाथरस गैंगरेप केस पर कहा कि शासन और पुलिस को बदनाम किया जा रहा है। ऐसे करने वालों के बयानों की हम जांच कर रहे हैं। घटना के दिन के दो वीडियो आज सामने आए हैं। पीड़िता के साथ मारपीट की बात उसमें कही गई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित या उसकी मां ने दुष्कर्म की बात नहीं कही थी। पीड़ित ने एक वीडियो में अपनी जीभ भी दिखाई है जो कटी नहीं थी। 22 सितंबर को पहली बार पीड़िता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की चोट और शॉक से मौत की बात कही गई है।

मायावती बोलीं- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि योगी को उनकी जगह पर यानी गोरखनाथ मठ भेज देना चाहिए। अगर उन्हें वह भी पसंद नहीं तो राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी दे देनी चाहिए। केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।

भाजपा का तंज- कुछ लोग पॉलिटिकल टूरिज्म कर रहे
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की घटनाओं का सभी को दुख है और चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की कोशिशों के नतीजे जल्द नजर आएंगे। कुछ लोग पॉलिटिकल टूरिज्म के जरिए तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए।

क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

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