किसान आंदोलन का 38वां दिन:गाजीपुर बॉर्डर पर एक और किसान का सुसाइड, लिखा- समाधान निकले, इसलिए जान दे रहा हूं

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नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर 38 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है। यहां गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को 75 साल के किसान कश्मीर सिंह ने टॉयलेट में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। किसान नेता अशोक धवाले ने बताया कि अब तक 50 किसानों की जान जा चुकी है।

कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘सरकार फेल हो गई है। आखिर हम यहां कब तक बैठे रहेंगे। सरकार सुन नहीं रही है। इसलिए मैं जान देकर जा रहा हूं। अंतिम संस्कार मेरे बच्चों के हाथों दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। मेरा परिवार, बेटा-पोता यहीं आंदोलन में निरंतर सेवा कर रहे हैं।’

किसान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के परिजन को सौंप दिया गया है। यूपी पुलिस ने सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है।

…तो 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे
अगर मांगे नहीं मानी गईं तो किसान संगठनों ने आंदोलन के मद्देनजर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि ट्रैक्टर परेड प्रस्तावित है। यह गणतंत्र दिवस परेड के बाद निकाली जाएगी।

किसान संगठनों की तरफ से यह भी कहा गया कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, कर रहे हैं और ऐसा ही करेंगे। हम लोग दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं, लेकिन नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया है।

‘सरकार गुमराह कर रही’
स्वराज्य पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार सफेद झूठ बोल रही है कि किसानों की 50% मांगें मान ली गई हैं। इसका अभी तक कोई दस्तावेज नहीं मिला। एक अन्य किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी ने कहा कि पिछली मीटिंग में हमने सरकार से 23 फसलों को MSP पर खरीदने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद वे किस बात को लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं।

4 जनवरी को होनी है बातचीत
इससे पहले 30 दिसंबर को किसान और सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला, लेकिन विवाद के 2 मुद्दों पर सहमति बन गई थी। अब 4 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बैठक होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस दिन गतिरोध खत्म हो सकता है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि 4 जनवरी को सकारात्मक नतीजे आएंगे।

किसान बोले- अब तक हमारे 5% मुद्दों पर ही चर्चा हुई
शुक्रवार को किसान नेताओं ने कहा था कि हमने जो भी मुद्दे उठाए हैं, अब तक हुई बैठकों में उनमें से केवल 5% पर चर्चा हुई है, जबकि बीते गुरुवार को हुई बैठक के बाद सरकार ने कहा था कि किसानों के 50% मुद्दों पर बात हो चुकी है। 4 में से 2 मसले सुलझ चुके हैं और दो अगली बैठक में सुलझा लिए जाएंगे।

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