मथुरा में बरसाने की रंगीली गलियों में हुरियारिन सज-धजकर तैयार हैं। हाथ में तेल लगी लाठी और चेहरे पर घूंघट। हुरियारे भी भगवान कृष्ण के गांव नंदगांव से ढाल लेकर 50Km दूर बरसाना पहुंच गए हैं। हेलिकॉप्टर से रंगीली गली के ऊपर पुष्प वर्षा की जा रही है।
थोड़ी ही देर में हुरियारिन नंदगांव से आए सखाओं पर लाठी बरसाएंगी। वे भी गीत गाते ढाल से अपना बचाव करेंगे। बरसाने की वर्ल्ड फेमस होली देखने के लिए देश-विदेश से करीब 10 लाख लोग मथुरा पहुंचे हैं।
बरसाने की गलियां एकदम फुल हैं। हर तरफ अबीर-गुलाल उड़ रहा है। जगह-जगह टुकड़ियों में हुरियारिन लट्ठ लेकर खड़ी हैं। रंगीली गली की सावित्री कहती हैं- जब हम लोग होली खेलते हैं, तो ऐसा लगता है कि किशोरीजी (राधा) हमारे साथ हैं और ठाकुरजी हमारे सामने बैठे हैं।
सावित्री बताती हैं कि श्रीजी की सखियां ही लट्ठमार होली खेलती हैं। यानी बहुएं ही खेल सकती हैं, यहां की कुंवारी लड़कियां लट्ठमार होली नहीं खेलतीं। रंगीली गली की बहुएं श्रीजी की तरह अपने ठाकुरजी के लिए सजती हैं। हमारा श्रृंगार ठाकुरजी के नाम का है।
बरसाने में भारी भीड़ को देखते हुए जगह-जगह पुलिस तैनात है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बरसाने में गाड़ियों की एंट्री बंद कर दी है। भीड़ को बांटने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस वाले मचान बनाकर ऊंचाई से निगरानी कर रहे हैं।
3 तस्वीरें देखिए-



बरसाने की ऐतिहासिक रंगीली गली में होली सज चुकी है। हुरियारे अपनी परंपरागत वेशभूषा में यहां बैठकी जोड़ चुके हैं। अभी गीत संगीत, पदों का दौर चल रहा है। शाम 4 बजे लट्ठमार होली होगी। भारी संख्या में पुलिस बल, आरएएफ, सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात गए हैं। सीसीटीवी से पूरी गली, इलाके को कवर किया गया है ताकि कहीं कोई असुविधा न हो। गली में बने घरों की छत से होली देखने की सख्त पाबंदी है। गली में जमकर रंग-गुलाल उड़ाया जा रहा है।
पीतल की 11 किलो की पिचकारी लेकर पहुंचे संजय

रंगीली गली में लोग अपनी पैतृक पिचकारियों के साथ होली खेलने पहुंच रहे हैं। संजय गोस्वामी पीतल की 11 किलो की पिचकारी लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया- पिचकारी में ढाई लीटर रंग एक बार में भर जाता है। होली पर हर साल इस पिचकारी से रंग खेलते हैं।