राम मंदिर की लागत से डेढ़ गुना चंदा जुटा:1500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, 44 दिन में 2100 करोड़ रुपए जुटाए गए

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि भविष्य में नई योजनाओं के हिसाब से लागत बढ़ सकती है। ऐसा हुआ तो चंदा अभियान फिर चलाया जा सकता है। वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभी कोई सीमा नहीं है कि इसकी लागत कितनी होगी। मंदिर बनने के बाद इसका विस्तार भी होना है।

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अयोध्या। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए शनिवार शाम तक 2,100 करोड़ रुपए चंदा जुटाया जा चुका है। फिलहाल 1,500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, यानी यह अनुमान से लगभग डेढ़ गुना है। पहले 1,100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, लेकिन नींव का प्लान बदलने की वजह से लागत बढ़ गई।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 15 जनवरी से निधि समर्पण अभियान शुरू किया था। 44 दिन में टारगेट पूरा होना था। जिन राज्यों में अभियान देर से शुरू हुआ था वहां चंदा जुटाया जा रहा है। ऐसे में धनराशि और बढ़ना तय है।

लागत और बढ़ सकती है
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि भविष्य में नई योजनाओं के हिसाब से लागत बढ़ सकती है। ऐसा हुआ तो चंदा अभियान फिर चलाया जा सकता है। वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभी कोई सीमा नहीं है कि इसकी लागत कितनी होगी। मंदिर बनने के बाद इसका विस्तार भी होना है।

विदेशों से भी चंदा देने के प्रस्ताव आ रहे
स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया कि कई डिपॉजिटर की धनराशि बैंकों में जमा होने की प्रक्रिया चल रही है। सही लेखा-जोखा मार्च के आखिरी तक पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले भी वहां यह अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं। उनसे चंदा किस तरह लिया जाए, इसका फैसला मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारियों की बैठक में होगा।

मुस्लिमों ने भी मंदिर के लिए दान दिया
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि डेढ़ लाख टोलियां इस अभियान में लगी थीं। चंदा देने में धर्म, जाति और संप्रदाय की बेड़ियां टूटी हैं। सभी ने राम मंदिर के लिए दान दिया है। इनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल हैं।

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