सपा ने 16 लोकसभा सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान किया:UP में यादव परिवार से तीन प्रत्याशी; मुलायम की सीट मैनपुरी से डिंपल लड़ेंगी

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समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 16 उम्मीदवारों के नाम हैं। इनमें तीन प्रत्याशी यादव परिवार से हैं। मुलायम सिंह यादव की सीट मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी। डिंपल अभी भी वहीं से सांसद हैं।

इसके अलावा बदायूं से धर्मेंद्र यादव, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, अंबेडकर नगर से लाल जी वर्मा, बस्ती से राम प्रसाद चौधरी, गोरखपुर से काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया गया है।

लिस्ट में यादव परिवार से 3 कैंडिडेट
अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से, फिरोजाबाद से प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव, जबकि बदायूं से अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव उम्मीदवार होंगे। पहली लिस्ट में एक मुस्लिम, 1 क्षत्रिय, 1 SC, 2 खत्री, 2 शाक्य और OBC कैंडिडेट शामिल हैं। इसमें 2 महिला उम्मीदवार भी हैं।

धर्मेंद्र यादव की बदायूं से हुई वापसी
मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव को एक बार फिर से बदायूं से सपा ने उम्मीदवार बनाया है। धर्मेंद्र यादव को 2 बड़े सियासी झटकों से गुजरना पड़ा। 2019 में बदायूं से डॉ. संघमित्रा मौर्य के हाथों धर्मेंद्र यादव की हार हुई थी।

दूसरा झटका आजमगढ़ उपचुनाव में लगा। जब अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट जीतने के कारण आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दिया। तब यहां से धर्मेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया।

मुलायम सिंह यादव के चलते आजमगढ़ सीट यादव परिवार की ही सीट मानी जाती रही, लेकिन उपचुनाव में BJP के दिनेश लाल निरहुआ से धर्मेंद्र यादव को बेहद करीबी मुकाबले में हार झेलनी पड़ी थी।

उन्नाव से अन्नू टंडन को मिला टिकट

3 साल पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर सपा की सदस्यता ग्रहण करने वाली नेता अनु टंडन को उन्नाव से उम्मीदवार बनाया गया है। बता दें कि अन्नू टंडन 2009 में उन्नाव से सांसद रही हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में अन्नू टंडन चौथे स्थान पर रहीं, तो 2019 के चुनाव में वे तीसरे स्थान पर थीं। उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में उपचुनाव से ठीक पहले अन्नू टंडन का पार्टी छोड़ना बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

भोजपुरी फिल्म की अभिनेत्री हैं काजल निषाद
सपा से घोषित उम्मीदवार काजल निषाद भोजपुरी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। काजल निषाद का जन्म मुंबई शहर में हुआ था। उनके माता-पिता कच्छ गुजरात से हैं, लेकिन मुंबई में बस गए।

काजल ने गोरखपुर के भऊआपार गांव के रहने वाले भोजपुरी फिल्म निर्माता संजय निषाद से शादी की है। टीवी सीरियल से अपना कैरियर बनाने वाली काजल निषाद 2012 और 2022 में मिली हार के बाद तीसरी बार राजनीति में भाग्य आजमाने जा रही हैं।

2012 और 2022 में हार चुकी हैं चुनाव

यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में काजल निषाद कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ी थीं, पर हार गईं। फरवरी 2012 में उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता राम भुआल निषाद और उनके समर्थकों पर FIR दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि ककरखोर में चुनाव प्रचार के दौरान राम भुआल व उनके समर्थकों ने उन पर जानलेवा हमला करवाया था।

वहीं, इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को कैंपियरगंज विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। हालांकि इस दौरान काजल को भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री फतेह बहादुर सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा।

अखिलेश यादव ने काजल को दिलाई थी सदस्यता

7 अगस्त 2021 को काजल निषाद को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। काजल करीब एक हजार समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुई थीं, तभी से काजल लगातार राजनीति में एक्टिव हैं।

फिरोजाबाद से अक्षय यादव को मिला टिकट

फिरोजाबाद से सपा ने अक्षय यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव यहां 91869 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। यह वोट अगर अक्षय को मिलते और चाचा शिवपाल अगर अखिलेश के साथ होते तो सपा फिरोजाबाद सीट बचा सकती थी।

पिछली बार के चुनाव में शिवपाल अपनी प्रसपा के बैनर पर फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़े थे। हार कर तीसरे स्थान पर रहे। यहां से भाजपा ने सपा के अक्षय यादव को मात देकर यह सीट छीन ली थी। साफ था कि अगर शिवपाल यादव यहां मैदान में न होते तो अक्षय की जीत हो जाती।

भाजपा के चंद्रसेन जादौन को यहां से 495819 वोट मिले थे जबकि अक्षय यादव को 467038 वोट मिले थे। फिरोजाबाद में कार्यकर्ता शिविर में शिवपाल यादव ने यह ऐलान किया है कि अब वह खुद अक्षय की जीत पक्की करने के लिए उनके पक्ष में प्रचार करेंगे।

साल 2009 में खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव यहां से लड़े और जीते थे। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से राज बब्बर विजयी रहे और 2014 में सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव ने यहां से जीत हासिल की। हालांकि साल 2019 में इसी सीट पर कमल खिला था।

मैनपुरी से डिंपल यादव को मिला टिकट

एक बार फिर मैनपुरी से डिंपल यादव को सपा ने अपना उम्मीदवार बना दिया है। दिसंबर 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद बहू डिंपल यादव को लोकसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था।

मैनपुरी के उपचुनाव में भाजपा बनाम अखिलेश यादव के परिवार की लड़ाई भी हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक, डिंपल यादव को 6 लाख से ज्यादा यानी 64% वोट मिले। वहीं, रघुराज शाक्य को 3 लाख 29 हजार 659 वोट मिले।

सपा-कांग्रेस में सीटों का बंटवारा क्लियर होने से पहले टिकटों का ऐलान
उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की स्थिति क्लियर होने से पहले ही सपा ने टिकटों का ऐलान कर दिया है। अखिलेश यादव ने दो दिन पहले ट्वीट करके बताया था कि उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने लिखा था- कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस पर कहा था कि फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। फिलहाल, दोनों पार्टियों के बीच सकारात्मक और अच्छे माहौल में बातचीत चल रही है।

अखिलेश यादव का ट्वीट
अखिलेश यादव का ट्वीट

60 सीटों पर सपा लड़ेगी चुनाव
इससे पहले, 19 जनवरी को अखिलेश यादव ने 7 सीट RLD को देने का ऐलान किया था। वहीं, 1-1 सीट अपना दल कमेरावादी और चंद्रशेखर की पार्टी की दे सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि बची हुई 60 सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी।

25 सीटें मांग रही थी कांग्रेस
सूत्रों के मुताबिक, सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच दिल्ली में तीन दौर की बैठकें हुईं। कांग्रेस यूपी में 25 सीटों की मांग कर रही थी, मगर अखिलेश यादव 11 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हैं। अभी कांग्रेस के पास यूपी में रायबरेली ही एकमात्र लोकसभा सीट है।

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