उन्नाव केस में खुलासा:लड़की ने प्यार की पेशकश ठुकराई तो आरोपी ने उसे पानी में कीटनाशक दिया, अनजाने में तीनों लड़कियों ने पी लिया
उन्नाव के बबुरहा में दलित लड़कियों की हत्या की गई थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी विनय (मुंह पर कपड़ा बांधे हुए) और उसके नाबालिग साथी को गिरफ्तार किया।
17 फरवरी को बबुरहा गांव में खेत में तीन लड़कियां संदिग्ध हालात में मिली थीं। उनके मुंह से झाग निकल रहा था। दो की मौत हो गई और एक का इलाज कानपुर में चल रहा है। उसकी हालत नाजुक है।
आरोपी ने हत्या को कैसे अंजाम दिया, सिलसिलेवार पढ़िए
आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बताया कि केस में मुख्य आरोपी पाठकपुरा गांव का विनय ऊर्फ लंबू है। दूसरा आरोपी नाबालिग है। पूछताछ के दौरान विनय ने जुर्म कुबूल किया। पुलिस को विनय ने बताया कि बबुरहा में उसके खेत लड़कियों के खेतों के बगल में ही थे। लॉकडाउन के दौरान एक लड़की से दोस्ती हुई। ये लड़की अपनी चचेरी बहनों के साथ खेतों पर आया करती थी। हम साथ में ही खाना-पीना करते थे। विनय ने एक लड़की से कई बार प्यार का इजहार किया, पर उसने हर बार इनकार कर दिया। मोबाइल नंबर भी मांगा था, जो कि लड़की ने नहीं दिया।
लड़की के इनकार करने के बाद विनय गुस्से में था। उसने तय किया कि वो लड़की की हत्या कर देगा। ये बात विनय ने अपने एक साथी को भी बताई और साजिश रच डाली। वो घटना के दिन घर से पानी की बोतल लेकर आया था, जिसमें कीटनाशक मिला हुआ था। अपने साथी के साथ वो नमकीन लेकर खेत पर पहुंचा, यहां तीनों लड़कियां पहले से ही थीं। विनय ने कहा कि उसने तीनों लड़कियों को नमकीन दी। जब लड़कियों ने पानी मांगा तो उन्हें बोतल थमा दी। विनय ने कहा कि एक के बाद एक तीनों ने यही पानी पी लिया। हम लोग उन्हें मना नहीं कर पाए।
ग्रामीणों ने आरोपियों को भागते देखा था, इसके बाद हुई गिरफ्तारी
जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से बोतल और चिप्स का पैकेट जब्त किया था। इसकी जांच हुई। घटना के दिन दो युवकों को खेतों से भागते हुए देखा गया था। इसके बाद उनकी तलाश की गई। सर्विलांस और स्वाट टीमें लगाई गईं। एक मुखबिर ने सूचना दी। इसके बाद पाठकपुरा गांव से आरोपी विनय और उसके नाबालिग साथी को गिरफ्तार कर लिया गया।
परिवार ने 18 घंटे बाद शिकायत दर्ज कराई थी
इस मामले में लड़कियों के परिवार ने 18 घंटे बाद पुलिस में शिकायत की थी। इस मामले में दुष्कर्म और ऑनर किलिंग का एंगल पर भी जांच की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पॉइजनिंग की पुष्टि हुई थी। हालांकि, किसी तरह की चोट या सैक्सुअल हैरेसमेंट के निशान नहीं मिले हैं।
इस घटना से गांव में काफी आक्रोश था। शुरुआत में पुलिस का रवैया भी गांव वालों के गुस्से की वजह बना। पुलिस रात में ही लड़कियों का अंतिम संस्कार करना चाहती थी, लेकिन ग्रामीणों और राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया। तब पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा।