अब खुले में बिकने वाली मिठाइयों पर भी दुकानवाले को लिखनी होगी एक्सपायरी डेट

छोटी दुकानों पर मिलने वाले सामान की क्वॉलिटी में सुधार के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत जून, 2020 से स्थानीय मिठाइयों की दुकानों को भी पैकेट्स पर एक्सपायरी डेट लिखनी होगी. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI)  ने लोकल मिठाई दुकानदारों से कहा है कि वो अपने प्रोडक्ट के बारे में बताएं कि वह कब बनी है और उसे कब तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

नई दिल्ली। मिठाई दुकान में खुले में रखी मिठाई को लेकर कई बार हम सोचते हैं कि पता नहीं कब की मिठाई होगी. ताज़ा होगी या नहीं? खरीदें या न खरीदें? और हां-ना करते हुए पैकेटबंद मिठाई घर ले आते हैं. लेकिन एक नया नियम लागू होने वाला है. इसमें दुकानदार को यह साफ लिखना होगा कि मिठाई कब बनी है और कितने दिन रह सकती है.

 

छोटी दुकानों पर मिलने वाले सामान की क्वॉलिटी में सुधार के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत जून, 2020 से स्थानीय मिठाइयों की दुकानों को भी पैकेट्स पर एक्सपायरी डेट लिखनी होगी. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI)  ने लोकल मिठाई दुकानदारों से कहा है कि वो अपने प्रोडक्ट के बारे में बताएं कि वह कब बनी है और उसे कब तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

FSSAI ने ऑर्डर इशू करते हुए बताया, बासी और एक्सपायर्ड मिठाई बेचने को लेकर लगातार शिकायतें मिली हैं. यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. सार्वजनिक हित और फूड सेफ्टी को सुनिश्चित करने के लिए यह तय किया गया है कि खुले में बिकने वाली मिठाइयों के पैकेट पर मैनुफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखना होगा. यह आदेश एक जून, 2020 से प्रभावी होगा.

नए नियमों को लेकर कई संगठन विरोध कर रहे हैं. लाइव मिंट से बात करते हुए फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा- हम FSSAI के साथ हैं लेकिन कुछ चीजों को इंप्लिमेंट करना कठिन होता है. दूध से बने कई प्रोडक्ट्स की लाइफ लिमिटेड होती है. कुछ दुकानों में ऐसे 200-300 प्रोडक्ट तक होते हैं और सभी पर लेबल लगाना कठिन है क्योंकि सभी की शेल्फ लाइफ अलग-अलग है. FSSAI के ऑर्डर में राज्यों के फूड सेफ्टी कमिश्नर से निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है.

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