राजस्थान में एक बार फिर हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक भाजपा 115 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। कांग्रेस 68 सीटें जीत चुकी है, 1 सीट पर आगे है, वहीं 15 सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। हार स्वीकार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है।
पहली बार चुनाव लड़ रही भारत आदिवासी पार्टी ने 3 सीट पर जीत दर्ज की है। हनुमान बेनीवाल को छोड़कर उनकी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायक ही जीते हैं, तो आम आदमी पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी इस चुनाव में भी छाप नहीं छोड़ सकीं। दोनों एक भी सीट नहीं जीत सकी। ओवैसी की एआईएमआईएम, कम्युनिस्ट पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई है।
राजस्थान में किस पार्टी को कितनी सीट?
पार्टी | सीट जीतीं/आगे |
भाजपा | 115 |
कांग्रेस | 69 |
भारत आदिवासी पार्टी | 3 |
बहुजन समाज पार्टी | 2 |
राष्ट्रीय लोक दल | 1 |
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी | 1 |
निर्दलीय | 8 |
इस चुनाव में कई चौंकाने वाले परिणाम आए हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी हार गए हैं। इसके साथ ही परसादी लाल मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कांग्रेस के 25 में से 17 मंत्री हार गए हैं। शांति धारीवाल जीत गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया भी हार गए हैं। भाजपा ने जिन 7 सांसदों को चुनाव लड़ाया था, उनमें से 4 जीते और 3 हार गए। इस बार जनता ने फिर सरकार बदली है, लेकिन यह पहली बार है कि विधानसभा अध्यक्ष समेत नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष हार गए हैं।
चुनाव नतीजों पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान की शानदार जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दी हुई गारंटी की जीत है। वहीं हार स्वीकार करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि काम करने के बाद भी हम कामयाब नहीं हुए, इसका मतलब यह नहीं है कि वे काम न करें। यह अप्रत्याशित परिणाम है।
वहीं राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि नतीजे स्वीकार करते हैं, विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी।
काउंटिंग के दौरान इन सीटों पर विवाद
- डीडवाना सीट पर बीजेपी के बागी यूनुस खान की जीत के बाद विवाद हो गया है। कांग्रेस के चेतन डूडी ने रिकाउंटिंग की मांग की है। डूडी ने डीडवाना एसडीएम पर आरोप लगाते हुए 6 नंबर राउंड की दोबारा मतगणना की मांग की है। विवाद के बाद अब मतगणना केंद्र को बंद कर बाहर पैरामिलिट्री फोर्स लगा दी गई है। हालांकि यूनुस खान ने 2392 वोट से जीत हासिल की।
- वहीं, बहरोड़ विधायक और निर्दलीय प्रत्याशी बलजीत यादव के साथ मारपीट की गई। काउंटिंग के बाद जब वे बाहर निकले तो मैदान में उन्हें लोगों ने घेर लिया और थप्पड़ मारे। राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था। श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत कुन्नर के निधन के कारण वहां चुनाव नहीं हुए हैं।
पति ने पत्नी, चाचा ने भतीजी को हराया, दामाद-ससुर जीते
- नागौर से चाचा ने अपनी भतीजी को हरा दिया है। इस सीट पर कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा ने भाजपा की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को हराया। सीकर जिले की दांतारामगढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और जननायक जनता पार्टी की प्रत्याशी रीटा सिंह को हरा दिया है। रीटा सिंह तीसरे नंबर पर रही हैं। वीरेंद्र सिंह ने 7997 वोट से भाजपा के गजानंद कुमावत को हराया।
- धौलपुर सीट से कांग्रेस की शोभारानी कुशवाह ने अपने जीजा और भाजपा प्रत्याशी शिवचरण कुशवाह को हरा दिया है। वहीं, दामाद और ससुर ने एक साथ चुनाव में जीत हासिल की है। फुलेरा से कांग्रेस के विद्याधर सिंह चौधरी जीत गए, तो उनके दामाद और भाजपा प्रत्याशी शैलेष सिंह ने डीग-कुम्हेर से जीत दर्ज की है।
इस सीट पर पहली बार खुला भाजपा का खाता
- झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ विधानसभा सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खुला है। भाजपा के विक्रम सिंह जाखल ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार शर्मा को 23 हजार 180 वोट से हराया है। विक्रम सिंह को 1 लाख 12 हजार 37 वोट मिले, वहीं शर्मा को 88 हजार 857 वोट मिले।