राजस्थान: अब तक 102 विधायक गहलोत आवास में विधायक दल की बैठक में पहुंचे, इनमें 92 कांग्रेसी और 10 निर्दलीय

बैठक में शामिल होने वाले विधायकों को पुलिस एस्कॉर्ट के बीच सुरक्षा में लाया गया महेश जोशी ने कहा- भाजपा सरकारी एजेंसियों का गलत उपयोग कर रही

0 990,174

जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर सोमवार सुबह विधायक दल की बैठक के लिए मंत्री और विधायकों का पहुंचना शुरू हो गया है। बैठक में शामिल होने वाले विधायकों को पुलिस एस्कॉर्ट के बीच सुरक्षा में लाया गया। अब तक करीब 102 विधायक पहुंचने की चर्चा हैं, जिनमें 92 कांग्रेस और 10 निर्दलीय बताए जा रहे हैं।

वहीं, गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘सरकार को कोई खतरा नहीं है। हमें 109 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। जिन विधायकों को भाजपा द्वारा जबरन रोका जा रहा है, वे वीडियो बनाएं और शेयर करें। राजस्थान में कांग्रेस सरकार अपने 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी।’

उधर, कांग्रेस ने साफ किया कि आज की बैठक में शामिल नही होने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान श्रम मंत्री टीकाराम जूली खुद कार ड्राइव कर सीएम हाउस पहुंचे।बानसूर विधायक शकुंतला रावत और रामगढ़ विधायक सफिया जुबेर खान मुख्यमंत्री निवास पहुंचीं।

राजनीति के जानकार बताते हैं कि पायलट भले ही दावा करें कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है। लेकिन, मौजूदा हालात को देखते हुए उनके खेमे में 15 विधायक ही नजर आ रहे हैं। साथ ही, गहलोत सरकार के कद्दावर मंत्री भी बाकी विधायकों से भी संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस बीच, मुख्य सचेतक महेश जोशी का बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारी एजेंसियों का गलत उपयोग कर रही है। सरकार बहुमत में है। उन्हाेंने कांग्रेस नेताओं पर आयकर छापों की आलोचना की।

मुख्यमंत्री आवास में खाने पर 115 विधायक पहुंचने का दावा
मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार रात सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को सरकारी आवास पर खाने पर बुलाया। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। करीब 115 विधायक इस रात्रि भोज में शामिल हुए हैं।

दावे और सियासी गणित के दो पहलू:

पहला: पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 निर्दलीय विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा 8 विधायक अपनी तरफ कर ले तो अपनी सरकार बना सकती है।

दूसरा: पायलट के दावे से अलग अब तक की स्थिति में 15 कांग्रेस विधायक उनके खेमे में होने की संभावना है। अगर यह सभी विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 185 हो जाएगी। फिर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 93 पर पहुंच जाएगा। मौजूदा समीकरण में गहलोत गुट में 92 कांग्रेस विधायक हैं। एक आरएलडी विधायक उनके साथ हैं और अगर कुछ निर्दलीय गहलोत के साथ रहे तो सरकार सुरक्षित रहेगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.