जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी की उम्र सीमा में छूट देने की घोषणा की है। इसके तहत EWS (आर्थिक रूप से कमजोर) वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों में SC-ST और OBC की तर्ज पर अधिकतम आयु सीमा में 5 से 10 साल की छूट मिलेगी।
राज्य की तीन सीटों पर उपचुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। कैबिनेट के इस फैसले के बाद ऐसे कैंडिडेट जो सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए सेवा नियमों में तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं। उन्हें भी अन्य आरक्षित वर्गों के कैंडिडेट की तरह आयु में छूट मिलेगी।
EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के पुरुष अभ्यर्थियों को अन्य आरक्षित वर्गों के समान अधिकतम आयु सीमा में 5 साल और महिला अभ्यर्थियों को 10 साल की छूट मिल सकेगी। अब तक EWS वर्ग को सरकारी सेवा में आरक्षण तो था, लेकिन अधिकतम आयु सीमा में छूट नहीं थी। मुख्यमंत्री ने बजट में EWS वर्ग के युवाओं को भी सरकारी नौकरियों में अधिकतम आयु सीमा में छूट देने की घोषणा की थी।
छूट देने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखें आगे बढ़ाईं
सरकार ने गरीब सवर्ण वर्ग के युवाओं को बढ़ी हुई आयु सीमा की छूट का लाभ प्रक्रियाधीन भर्तियों में देने के लिए कई परीक्षाओं की तारीखों को आगे बढ़ाया है। रीट परीक्षा को 25 अप्रैल से आगे बढ़ाकर 20 जून को कराने का फैसला किया है। रीट में EWS वर्ग के युवाओं को फिर से आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। इसी तरह लेक्चरर भर्ती, पटवारी भर्ती परीक्षा भी आगे बढ़ाई गई है।
मंत्री खाचरियावास ने कहा- केंद्र सरकार भी दे EWS को छूट
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार के इस फैसले का लाभ उन हजारों युवाओं को मिलेगा जो ओवर एज होने के कारण सरकारी नौकरियों की पात्रता खो रहे थे। हमारी मांग है कि अब केंद्र सरकार भी राजस्थान सरकार की तरह केंद्रीय सेवाओं की भर्तियों में भी अधिकतम आयु सीमा में छूट दे।
सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में EWS वर्ग में आरक्षण के लिए उन सभी सवर्ण जातियों के युवा पात्र हैं जिनके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए तक या इससे कम है।