युद्धाभ्यास के दौरान हादसा, मददगार की जुबानी:3 जवानों की अधजली लाशें बिखरी पड़ी थीं, अंग अलग हो रहे थे; किसी तरह चादर में समेटकर शव थाने पहुंचाए
श्रीगंगानगर में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात युद्धाभ्यास के दौरान हुआ था हादसा हादसे में 3 जवान जिंदा जल गए थे, 5 जवान गंभीर रूप से झुलस गए
रात करीब 3 बजे का वक्त था। श्रीगंगानगर के राजियासर गांव के मुख्य मार्ग पर दो-तीन जवान चिल्ला रहे थे। आने-जाने वाले वाहनों को रोकने की कोशिश में जुटे थे। डर के मारे कोई गाड़ी नहीं रोक रहा था। सुधबुध खोकर चिल्ला रहे जवानों को देखकर मैंने गाड़ी के ब्रेक लगाए। जवानों ने मेरे पास आकर कहा-थोड़ी मदद करिए, हमारे कुछ जवान जल गए हैं। मैं अपने दोस्त के साथ तुरंत गाड़ी से उतरा और वहां दौड़ पड़ा जहां से जवानों के चीखने की आवाज आ रही थी।
जाकर देखा तो जिप्सी जल रही थी। दो जवान इसी जिप्सी में फंसे जवानों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। जैसे तैसे साथी को खींचा लेकिन आधा शरीर ही बाहर आया। मैंने देखा कि एक जवान का शरीर आग की तेज लपटों में बुरी तरह से जल चुका था। जले हुए दो शव पहले से जिप्सी से करीब आठ-दस फीट की दूरी पर पड़े थे। शक्ल तक पहचान पाना मुश्किल हो गया था।
हादसा कैसे हुआ यह तो पता नहीं चला। लग रहा था जिप्सी पलटने से यह हुआ। जिप्सी में आठ जवान थे। हादसा देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि दो आगे बैठे थे और पांच पीछे। एक जगह जिप्सी गड्ढे में गई, जहां से वो पलट गई। पलटने के साथ ही आगे के दोनों जवान तो कूदकर बाहर आ गए, लेकिन पीछे वाले फंसे रहे। इनमें भी दो जवान बाद में कूद गए।
संभवत: कूदने वाले जवान वे थे जो पीछे बैठे थे। आगे और पीछे के बीच में जो तीन जवान थे, वे नहीं निकल सके। पेट्रोल से चलने वाली इस जिप्सी की टंकी में कोई पत्थर लगा। जिससे पेट्रोल बाहर आ गया और आग लग गई। यह सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि तीन जवानों को बिल्कुल समय नहीं मिला।
हमने सबसे पहले राजियासर थाने में फोन किया। वहां से कुछ ही देर में पुलिस की गाड़ी पहुंच गई। बाद में एम्बुलेंस को फोन किया। करीब आधे घंटे बाद सब मौके पर पहुंचने शुरू हो गए। पुलिस के कई जवानों ने शवों को इकट्ठा किया। शव को उठाया तो उनके अंग अलग हो रहे थे। बमुश्किल पुलिस ने जवानों के शव को चद्दर में इकट्ठा कर राजियासर थाने पहुंचाया।
जो जवान इस हादसे में बच गए, वे बदहवास थे। घबराकर कभी इधर-कभी उधर भाग रहे थे। उन्होंने अपने स्तर पर अंदर फंसे जवानों को बचाने की बहुत कोशिश की। पेट्रोल के कारण आग की लपटें इतनी तेज थीं कि वे अंदर नहीं जो सके। कुछ देर में और लोग भी पहुंच गए। उन्होंने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। आग तो बुझ गई लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमांत क्षेत्र में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात युद्धाभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया। रात करीब 3 बजे सेना की जिप्सी में आग लग गई। इसमें सेना के तीन जवानों की जलने से मौत हो गई। वहीं, 5 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में एक सूबेदार और दो जवान शामिल हैं। हादसे के बाद आसपास के ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया। हादसा श्रीगंगानगर जिले के राजियासर के पास हुआ।
हालांकि, हादसे की वजह का खुलासा अब तक नहीं हुआ है। शुरुआत में खबर आई थी कि जिप्सी के नहर में पलटने से आग लग गई। अगर ऐसा होता, तो पानी से आग बुझ जाती। माना जा रहा है कि जिप्सी में युद्धाभ्यास के लिए बारूद या कुछ अन्य ज्वलनशील पदार्थ रखे थे, इन्हीं की वजह से आग लगी। आग इतनी तेजी से फैली कि जवानों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जान गंवाने वालों में आंधप्रदेश के सूबेदार ऐवेनेजर हमाडाला (42), पश्चिम बंगाल के देवकुमार (36) और उत्तर प्रदेश के अजीत शुक्ला (39) शामिल थे।
सेना ने अब तक मृतक जवानों के नाम भी सार्वजनिक नहीं किए हैं। हादसे के बाद सेना के आला अधिकारी हरकत में आए। घायल जवानों को सूरतगढ़ के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिन तीन जवानों की मौत हुई है। उनके परिजनों को सूचना दी गई है।
जवान बठिंडा की 47-AD यूनिट के बताए जा रहे
सेना के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि हादसा रात करीब दो से तीन बजे के बीच हुआ है। युद्धाभ्यास के तहत जवानों का एक वाहन सूरतगढ़-छत्तरगढ़ रोड पर इंदिरा गांधी नहर की आरडी 330 के पास था। तभी ये हादसा हुआ। इसमें तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पांच अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि यह रुटीन युद्धाभ्यास था, जिसके तहत जवानों को अलग-अलग टास्क दिए जाते हैं। इसी टास्क को पूरा करते समय यह हादसा हुआ है। सेना के ये जवान बठिंडा की 47-AD यूनिट के बताए जा रहे हैं। ये सभी जवान युद्धाभ्यास के लिए सूरतगढ़ आए हुए थे।
ग्रामीणों ने आग बुझाई
हादसे का पता चलते ही आसपास के ग्रामीण सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ही सबसे पहले आग पर पानी डालकर बुझाया, लेकिन तब तक 3 जवान जल चुके थे। ग्रामीणों की सूचना पर राजियासर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और 5 गंभीर घायल जवानों को अस्पताल ले जाया गया। वहीं, तीन मृत जवानों के पार्थिव शवों को सूरतगढ़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।