अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदेशभर के किसानों का धीरे-धीरे जुटना शुरू हो चुका है। यह किसान दिल्ली की ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए जाएंगे। हालांकि, कुछ किसानों ने दिल्ली बॉर्डर की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 40 किलोमीटर तक ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आ रहे हैं। सभी पर तिरंगा झंडा लगा हुआ है। साथ ही देशभक्ति के गाने बज रहे हैं।
उधर, हरियाणा पुलिस ने शाहजहांपुर बॉर्डर से जाने वाले किसानों को बॉर्डर से 65 किमी दूर मानेसर तक ही जाने की अनुमति दी है। यानी दिल्ली से 50 किमी पहले ही शाहजहांपुर बॉर्डर से जाने वाले किसानों को रोक दिया जाएगा। किसान बिना ट्रॉली के 1500 ट्रैक्टर लेकर जा सकेंगे। एक ट्रैक्टर पर सिर्फ तीन ही लोग बैठ सकेंगे।
शाहजहांपुर बॉर्डर की यह रैली जयपुर-दिल्ली हाईवे से होते हुए मानेसर तक जाएगी। हरियाणा पुलिस ने मानेसर में सरकारी कॉलेज के सामने से होकर किसानों को वापस जाने के लिए कहा है। यहां सरकारी कॉलेज में ध्वजारोहण होगा। किसानों को इसी कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लौटना होगा।
चार राज्यों के 4500 किसान मानेसर तक करेंगे परेड
शाहजहांपुर बॉर्डर पर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के 4500 किसान ही परेड में शामिल होंगे जो मानेसर तक जाएंगे। बाकी अन्य किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर ही रुकेंगे। फिलहाल, खबर लिखे जाने तक बॉर्डर पर चारों राज्यों के करीब 8 हजार से ज्यादा किसान जुटे हैं। यहां देर रात से किसानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। अनुमान है कि दोपहर तक शाहजहांपुर बॉर्डर पर 15 हजार से ज्यादा किसान जुट जाएंगे।
बॉर्डर पर 5000 से ज्यादा जवान तैनात
शाजहांपुर बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के करीब 5000 से ज्यादा जवान तैनात हैं। किसानों के साथ भी पुलिस की कुछ गाड़ियां जाएंगी। साथ ही, हाईवे पर जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। राहत की बात यह है कि शाहजहंपुर बॉर्डर पर 55 दिनों से किसान आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा है।
कांग्रेस नेता भी किसानों के साथ
सोमवार शाम को जयपुर से गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मुख्य सचेतक महेश जोशी भी करीब 30 ट्रैक्टर के साथ किसानों की ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए रवाना हुए थे। उनका भी किसानों के साथ मानेसर तक जाने का कार्यक्रम है। जैसे-जैसे किसान शाजहांपुर बॉर्डर पहुंचते जाएंगे। वैसे-वैसे वह हरियाणा के मानेसर की तरफ आगे बढ़ते जाएंगे। हालांकि, शाहजहांपुर बॉर्डर से 1500 ट्रैक्टर गुजरने के बाद पुलिस रोक सकती है। ऐसे में अन्य किसान फिर शाहजहांपुर बॉर्डर पर ही डेरा डालेंगे।
2 दिसंबर से शुरू हुआ था आंदोलन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ शाहजहांपुर बॉर्डर पर 2 दिसंबर से आंदोलन शुरू हुआ था। इसके बाद किसानों ने नेशनल हाईवे-48 अपना डेरा जमा लिया था। 25 दिसंबर से हाईवे की दोनों की लेन पूरी तरह बंद कर दी गई थी। तभी से दिल्ली-जयपुर हाईवे पूरी तरह से बंद है।