किसानों के प्रदर्शन के चलते बंद शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए लगाई गई याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। SC ने कहा कि इस तरह के मामले पहले ही कोर्ट में चल रहे हैं, फिर बार-बार क्यों इस तरह की याचिका दाखिल की जा रही हैं।
कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका दाखिल करने से ऐसी धारणा बन रही है कि यहां कोई व्यक्ति केवल लोगों को दिखाने के लिए और प्रचार के लिए मुकदमे करने के लिए आया है। आप पहले से चल रही याचिका में सहयोग करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है।
याचिका जालंधर के रहने वाले गौरव लूथरा ने लगाई थी। उन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार के साथ हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों को आदेश दिया जाए कि शंभू बॉर्डर समेत उन सभी स्टेट-नेशनल हाईवेज को ट्रैफिक के लिए खोला जाए, जो किसानों की वजह से बंद किए गए हैं।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका चल रही है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाकर किसानों और सरकार से बातचीत कर मध्यस्थता करने को कहा था। हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला।
वहीं, किसानों की आगे की रणनीति पर किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा- कल 10 दिसंबर को कोई जत्था दिल्ली रवाना नहीं होगा। भारत सरकार अपने आप में कन्फ्यूज चल रही है। यह देश के हित में नहीं है।
किसान नेता पंधेर की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 3 अहम बातें…
1.हरियाणा प्रशासन को समय दिया कल राजपुरा में हरियाणा पुलिस प्रशासन से मीटिंग हुई थी। उन्होंने हमसे एक दिन का समय मांगा था। इसलिए हम उनको समय देंगे। कल खनौरी भी नहीं जा पाए थे। ऐसे में हम खनौरी भी जाएंगे। वहां जाकर मीटिंग करेंगे। कल हमारा जत्था दिल्ली कूच नहीं करेगा।
2. दहशत जैसा माहौल बनाया जा रहा हरियाणा का प्रशासन कह रहा है कि आप (किसान) हरियाणा के लॉ ऑर्डर के लिए खतरा हैं। उन्होंने इंटरनेट बंद कर दिया। खनौरी व डबवाली बॉर्डर पर फोर्स लगा दी गई। यह दहशत जैसा माहौल बनाने की क्या जरूरत है?
3. भाजपा के मंत्री आपस में सलाह कर बोलें केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू कहते हैं कि दिल्ली पैदल जाएं, आपका स्वागत करेंगे। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज बोल रहे हैं कि इस तरह आएंगे तो पुलिस ऐसे ही स्वागत करेगी। कृषि मंत्री का बयान है कि पैदल जाने वालों को रोकेंगे नहीं। इन्हें पहले सलाह मशविरा करना चाहिए कि कहां पर हां करनी है और कहां पर नहीं।
डल्लेवाल से मिले पंजाब पुलिस के अधिकारी उधर, खनौरी बॉर्डर पर कल (10 दिसंबर) को सारे किसान भूख हड़ताल पर रहेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत कल 15वें दिन में दाखिल होगा। आज डल्लेवाल से मिलने के लिए पंजाब पुलिस के अधिकारी पहुंचे। काफी दिनों से भूखे रहने के कारण डल्लेवाल की सेहत काफी बिगड़ गई है।
हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग उखाड़ने का वीडियो जारी किया 8 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से 101 किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर किसानों को खदेड़ दिया। इसमें 8 किसान घायल हो गए। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने किसानों के बैरिकेडिंग उखाड़ने की कोशिश का वीडियो जारी कर दिया।
जिसमें किसान बैरिकेड पर लगी जाली को उखाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कोशिश के बाद पहली बार आंसू गैस के गोले दागे गए थे।
किसानों ने 2 बार कोशिश की, दोनों बार पीछे हटे
6 दिसंबर को ढाई घंटे में पीछे हटे किसान
किसानों ने सबसे पहले 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था।
पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ दी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने सीमेंट की बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए।
कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए।
इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवण सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने तब कहा कि 8 दिसंबर को किसान दोबारा दिल्ली कूच करेंगे।
8 दिसंबर को पौने 4 घंटे बाद पीछे हटे 101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते।
इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय बिस्किट ऑफर किए और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे।
पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। जिसमें 8 किसान घायल हो गए। करीब पौने 4 घंटे चले घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने जत्थे को वापस बुला लिया। इसके बाद किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की मीटिंग करने के बाद आगे का फैसला लेंगे।