सावधान:सर्दी और प्रदूषण में फेफड़ों की घट जाती है क्षमता, पराली जलने से हवा की गुणवत्ता 117 पहुंची, 50 से नीचे चाहिए

बच्चों-बुजुर्गों पर कोरोना सहित प्रदूषण और सर्दी का भी खतरा डॉक्टरों की सलाह-बुजुर्गों के साथ बच्चों का भी रखा जाए ध्यान

ये तीनों करते हैं फेफड़ों को कमजोर

  • सर्दी सेे बुजुर्गों, अस्थमा मरीजाें के फेफड़े पहले ही पूरी तरह काम नहीं करते। अस्थमा पेशेंट को सर्दियों में परेशानी काफी बढ़ जाती है। कार्डियक परेशानियां भी बढ़ जाती हैं।
  • पॉल्यूशन का स्तर सर्दी में काफी बढ़ जाता है। मरीज बहुत बढ़ जाते हैं। हर साल अक्टूबर और नवंबर में अस्थमा, कार्डियक बीमारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है।
  • कोराना वायरस सीधे फेफड़ाें पर अटैक कर रहा है। यह वायरस अस्थमा और कार्डियक पेशेंट को गंभीर स्थिति में पहुंचा रहा है, यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।

प्रतिदिन ऐसे बढ़ रहा एक्यूआई

1. एक्यूआई 110 दर्ज किया गया और पीएम 2.5 105 और पीएम 10 125 दर्ज किया गया।
2. 106 एक्यूआई 106 रहा और पीएम 2.5 -108, पीएम 10-131 दर्ज किया गया
3. 93.एक्यूआई, पीएम 2.5 108 और पीएम-10 131 दर्ज किया गया
4. एक्यूआई- 63, पीएम 2.5 90 और पीएम- 10 100 दर्ज किया गया
5. एक्यूआई 80, पीएम- 12.5.238 और पीएम-10 200 दर्ज किया गया है।
6. एक्यूआई-122, पीएम- 2.5 104 और पीएम-10 131 दर्ज किया गया
7. एक्यूआई 114, पीएम-2.5 94 और पीएम-10 128 दर्ज किया गया
8. एक्यूआई 123, पीएम- 2.5 98 और पीएम-10 135 दर्ज किया गया
9. एक्यूआई 117. पीएम- 2.5 117 और पीएम-10 135 दर्ज किया गया।

पराली न जलाएं तभी राहत

अनलॉक होते ही 4 माह में आबोहवा फिर से दूषित हो रही है। दीवाली के दिनों में प्रदूषण कई गुना तक बढ़ जाता है। मरीजों के हित में कोरोनाकाल मेंं तो कम से कम प्रदूषण था। अब अागे किसान पराली को आग न लगाएं। सरकार की प्रक्रिया के अनुसार निस्तारण करें।

बुजुर्गों को घर से कम निकलने दें: डॉ. सीबिया

मेडिकल कॉलेज पटियाला के मेडिसिन डिपार्टमेंट हेड और वाइस प्रिंसिपल डॉ. रमिंदरपाल सीबिया ने बताया कि आने बताया कि इस दौरान बुजुर्ग घर में ही रहे, अगर जरूरी हो तो निकले लेकिन वह भी मास्क लगाकर निकले। उन्होंने बताया कि वहीं घर का कोई भी सदस्य अगर बाहर से आए तो हाथ धुलकर और कपड़े बदलकर ही बुजुर्ग से मिले, साथ ही सुबह जल्द बाहर न निकले। फिलहाल लापरवाही न की जाए।

सावधानी बरतनी जरूरी

अस्थमा रोग विशेषज्ञ और टीवी हॉस्पिटल के डिप्टी एमएस डॉ. विशाल चोपड़ा ने बताया कि जब पराली जलती है तो पॉल्यूशन जब बढ़ता है और तो अस्थमा के मरीज बढ़ते है। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों के लिए भी नुकसान दायक है। इस दौरान लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

सौजन्य /Bhaskar.Com

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